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अशोक गहलोत ने वाघेला का बताया बड़ी बाधा, कहा- उनके जाने से कांग्रेस में शांति

Published: Dec 07, 2017 11:05:04 am

Submitted by:

ashutosh tiwari

अशोक गहलोत की पत्रिका से विशेष बातचीत

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राजेन्द्र सिंह नरुका
गुजरात में पिछले 22 वर्षों से सत्तासीन भाजपा के सामने कांग्रेस न सिर्फ लंबे समय बाद जीवंत हुई है, अपितु चट्टान की तरह भाजपा को चुनौती भी दे रही है।

सत्ता में भाजपा की वापसी के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दौरे बढ़ाने पड़े हैं और 22 वर्षों में किए कामों की दुहाई भी देनी पड़ रही है। चुनाव में विजयी होने के लिए कांग्रेस छह माह से कड़ी मेहनत कर रही है और इसके पीछे राहुल गांधी का अभियान और कोर टीम की रणनीति है। अशोक गहलोत कांग्रेस के महासचिव एवं गुजरात के प्रभारी हैं।
गहलोत ने गुजरात में बंटी हुई कांग्रेस को एक जुट किया। प्रत्याशियों के चयन में सावधानी बरती गई, प्रचार अभियान को सुव्यवस्थित किया और निराश कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार हुआ। गहलोत की पत्रिका से हुई बातचीत …
प्रश्न- कांग्रेस की रणनीति?
गहलोत : गुजरात कांग्रेस के हालात को समझा। बीस वर्ष से टुकड़ों में बंटी कांग्रेस के नेताओं को एक साथ चलने को प्रेरित किया। इसमें सबसे बड़ी बाधा शंकर सिंह वाघेला थे। कांग्रेस ने उन्हें हर कदम पर समर्थन दिया और अहम जिम्मेदारियां सौंपी। इसके बावजूद वे कांंग्रेस को अशांत किए हुए थे। उनके चले जाने से कांग्रेस में आधी शांति हो गई।

प्रश्न- बाकी आधी अशांति कैसे दूर की?
राहुल गांधी के साथ दौरों के दौरान प्रदेश नेताओं के साथ खुलकर बातचीत की। उन्हें भी समझ आ गया कि एकजुट होने में ही फायदा है, क्योंकि मतदाता परिवर्तन चाहता है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी लोकप्रियता का ग्राफ गिरा है। इसका लाभ एकता से ही मिल सकता है।
प्रश्न- कार्यकर्ताओं में संदेश?
सभी नेता एक मंच पर एक स्वर में बोले। कार्यकर्ताओं में संदेश गया और उनमें विश्वास पैदा हुआ। आलाकमान के निर्देश से यह सब संभव हुआ।

प्रश्न- निर्णय लेने की छूट है?
हां, बिलकुल। फ्री-हैंड की वजह से ही निर्णय कांग्रेस के अनुकूल रहे। टिकट बंटवारा भी साफ-सुथरा हुआ। कार्यकर्ताओं में असंतोष नहीं फैला।
प्रश्न- कितनी सीटों की उम्मीदें हैं
सवा सौ से अधिक सीटों की उम्मीद है।

प्रश्न- हार्दिक पटेल , अल्पेश ठाकुर व जिग्नेश मेवाणी को कैसे कांग्रेस के साथ ला पाएं?
राज्य में पाटीदार, गरीब, किसान व दलितों पर अत्याचार का स्वाभाविक लाभ कांग्रेस को मिला। इन तीनों युवा नेताओं को साथ लेने में दिक्कत नहीं आई। वे कांग्रेस की रीति नीति से सहमत हो गए।

प्रश्न- राहुल गांधी का आक्रामक चुनाव प्रचार
गुजरात में भाजपा के पिछले 22 साल के शासन में विकास के नाम पर धोखा हुआ और राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार में इसी मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। राहुल गांधी के कैम्पेन ने कार्यकर्ता व मतदाताओं को प्रभावित किया और उनके उठाए गए सवालों से आम जन को खुशी हुई।

प्रश्न- राजस्थान से कार्यकर्ता यहां आये हैं?
हर पार्टी में दूसरे राज्यों से आते ही हैं, वैसे ही कांग्रेस में आए हैं। देशभर के कार्यकर्ता राहुल गांधी के हाथ मजबूत करना चाहता है। इसलिए हर कांग्रेसी गुजरात में जी-जान लगाए है।

प्रश्न- छोटू वसावा को ज्यादा सीटें देने की वजह?
राज्यसभा चुनाव में उनका अच्छा सहयोग रहा था। वे आदिवासी क्षेत्र से हैं और उनका आदिवासी इलाकों में गहरा प्रभाव है।

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