चुनाव अभियान शुरू होते ही मैदान में उतरे कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने प्रारंभिक दौर में हालांकि संयम रखने की कोशिश की, लेकिन सोशल मीडिया पर जैसे ही (विकास पागल हो गया) स्लोगन लोकप्रिय हुआ, नेताओं का जुबान पर काबू समाप्त हो गया और वे विरोधियों को असंसदीय शब्दों से नवाजने लगे।
कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम ने जहां प्रधानमंत्री को केन्द्र में रखकर मीम बनाए और उन्हें तू चाय बेच कहकर मर्यादा को सड़क पर ला दिया। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री मोदी पर नीच और असंयमित शब्दों का इस्तेमाल कर हमला किया।
इस बीच भाजपा के उत्तरप्रदेश से सांसद साक्षी महाराज ने राहुल गांधी को खिलजी की औलाद कह दिया तो उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिरों में राहुल के बैठने के स्टाइल को नमाजी स्टाइल बताकर उन्हें एक समुदाय विशेष से जोडऩे की कोशिश की तो अन्य नेताओं ने भी उन्हें बाबर का वंशज बता दिया।
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चुनाव अभियान में पीएम ने भी शाब्दिक मर्यादा का ख्याल नहीं रखा। राहुल गांधी के सोमनाथ मंदिर जाने पर पीएम ने उन्हें ताना दिया कि यह मंदिर उनके परनाना ने नहीं बनाया तो राहुल के कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर भी उन्होंने उन्हें औरंगजेब करार दिया। उनके मनमोहन सिंह पर पाकिस्तान से मिलकर अपने खिलाफ साजिश रचने के आरोप से लोग सबसे ज्यादा आहत हुए।
चुनाव अभियान में पीएम ने भी शाब्दिक मर्यादा का ख्याल नहीं रखा। राहुल गांधी के सोमनाथ मंदिर जाने पर पीएम ने उन्हें ताना दिया कि यह मंदिर उनके परनाना ने नहीं बनाया तो राहुल के कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर भी उन्होंने उन्हें औरंगजेब करार दिया। उनके मनमोहन सिंह पर पाकिस्तान से मिलकर अपने खिलाफ साजिश रचने के आरोप से लोग सबसे ज्यादा आहत हुए।