scriptहैप्‍पी बर्थ-डे: राम मंदिर पर फैसला सुनाने वाले पूर्व CJI रंजन गोगोई का जन्‍मदिन आज, बधाईयों का लगा तांता | Happy Birthday: former CJI Ranjan Gogoi today, who gave historical verdict on Ram temple | Patrika News

हैप्‍पी बर्थ-डे: राम मंदिर पर फैसला सुनाने वाले पूर्व CJI रंजन गोगोई का जन्‍मदिन आज, बधाईयों का लगा तांता

locationनई दिल्लीPublished: Nov 18, 2019 12:54:30 pm

Submitted by:

Dhirendra

रिटायरमेंट से 8 दिन पहले रंजन गोगोई ने सुनाया था ऐतिहासिक फैसला
491 साल पुराने अयोध्‍या विवाद पर राम मंदिर निर्माण का दिया था आदेश
इस बार खास से लेकर आम आदमियों से भी गोगोई को मिल रहे हैं बधाई संदेश

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नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े और पुराना राम मंदिर विवाद पर फैसला सुनाने वाले पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई का जन्‍मदिन आज है। अपने जन्‍मदिन से ठीक एक दिन पहले रिटायर होने वाले सीजेआई को इस बार बधाई खास ही नहीं आम लोग भी दे रहे हैं।
रिटायर से चंद दिनों पहले राम मंदिर निर्माण का गिफ्ट देने के एवज में देश भर से लोग उनके जन्‍मदिन पर सुखद और बेहतर जीवन की दुआ दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर उन्‍हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। अधिकांश पोस्‍ट में लिखा है सीजेआई साहब राम मंदिर पर फैसला देने के लिए हमेशा याद आएंगे आप।

राम मंदिर पर ऐतिहासिक फैसला
491 साल पुराना वो केस जिसका इंतजार हर कोई बड़ी ही शिद्दत से कर रहा था, हर किसी के जेहन में एक ही सवाल गूंज रहा था कि अयोध्या में उस विवादित जमीन पर क्या बनेगा। इसका जवाब देते हुए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने फैसला सुनाया जिसमें ये सुनिश्चित हो गया कि राम मंदिर का निर्माण उसी स्थान पर कराया जाएगा।
फैसला सुना रच दिया इतिहास

भारत के सर्वोच्‍च अदालत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई का जन्म आज ही के दिन 18 नवंबर, 1954 को हुआ था। उनके जन्म के वक्त किसी ने ये कल्पना भी नहीं की होगी कि 491 साल पुराने केस को रंजन गोगोई के अध्यक्षता वाली बेंच ही अंजाम तक पहुंचाएगी। उन्‍होंने रिटायरमेंट से 8 दिन पहले अयोध्‍या विवाद पर फैसला सुनाकर न केवल करोड़ों को 491 साल बाद सबसे बड़ा सौगात देने का काम किया, बल्कि इसी के साथ उन्‍होंने एक इतिहास भी रच दिया है। यह एक ऐसा इतिहास है जिसके उन्‍हें जब भी लोग भगवान राम का नाम लेंगे तो उन्‍हें भी याद करेंगे।
SC के जज को कटघरे में खड़ा होने के किया मजबूर

बता दें कि पूर्व सीजेआई 1978 में बार काउंसिल से जुड़े थे। पिछले साल 3 अक्टूबर, 2018 को रंजन गोगोई ने बतौर सीजेआई अपना कार्यभार संभाला था। उन्होंने अपने इस कानूनी करियर की शुरुआत साल 2001 में गुवाहाटी हाईकोर्ट से की थी। 2010 में वो पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त किए गए। एक साल बाद ही यानी साल 2011 में उनको पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त कर दिया गया। इसके बाद पहली बार सुप्रीम कोर्ट के जज अप्रैल, 2012 में नियुक्त किए गए थे।
निष्‍पक्ष फैसले के लिए याद किए जाएंगे गोगोई

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व सीजेआई रंज गोगोई अपने निष्पक्ष फैसले, कर्मठता और बेहतर कामकाज के लिए हमेशा जाने जाएंगे। न्‍यायिक व्‍यवस्‍था के पूरे कार्यकाल के दौरान उन्‍होंने सख्त तेवर और ईमानदार छवि वाले न्‍यायाधीश के रूप में खुद को स्‍थापित किया। गोगोई ने सीजेआई बनने से पहले एक ऐसा फैसला लिया जिसके तहत पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू को कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट में तलब किया गया, ऐसा पहली बार हुआ था।
दरअसल, काटजू ने केरल के एक बलात्कार कांड में कोर्ट के फैसले की जबरदस्त तरीके से आलोचना की थी। जिसके बाद उनको नोटिस जारी कर पेश होने का आदेश दिया गया था। ये फरमान उसी ऐतिहासिक जस्टिस ने सुनाया जिनका आज जन्मदिन है।
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