मोदी कैबिनेट की मंत्री हरसिमरत कौर ने बर्थडे के दिन दिया पीएम बड़ा झटका, सौंपा इस्तीफा और कहा.. भाजपा में आर्थिक मामलों के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल के मुताबिक, “इन तीनों कृषि बिलों से फायदा किसानों को ही पहुंचने वाला है, लेकिन पंजाब में कांग्रेस ने जिस तरह से झूठ फैलाया है, उससे मुझे लगता है कि शिरोमणि अकाली दल भी स्थानीय राजनीति के दबाव में आ गई। इसकी वजह से हरसिमरत कौर से इस्तीफा दिलवाया गया है, जबकि इन बिलों से किसानों को होने वाले फायदे से अकाली दल भी वाकिफ है।”
अग्रवाल ने कहा कि तीनों बिलों को लेकर फैलाए जाने वाले झूठ का पार्टी लगातार पदार्फाश कर रही है। कांग्रेस समेत विरोधी सियासी दल न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी हटाने की झूठी बात को फैला रहे हैं। तीनों बिलों से एमएसपी का कोई लेना-देना नहीं है, एमएसपी ही नहीं एपीएमसी भी नहीं हट रहा है।”
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि जिस तरह से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विपक्ष ने जनता में भ्रम फैलाने की कोशिश की थी, उसी तरह से कृषि सुधारों से जुड़े इन तीनों बिलों पर भी विपक्ष झूठ फैला रहा है। गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि वर्षों से किसानों की चली आ रही मांगों को ही इन तीनों बिलों के जरिए सरकार पूरा करने की कोशिश कर रही है।
राज्यसभा में डॉ. हर्षवर्धन का खुलासा, इतने महीनों के भीतर देश में आ जाएगी COVID-19 Vaccine पंजाब के सीएम ने कहा नाटक मोदी कैबिनेट से हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि यह सब शिरोमणि अकाली दल के नाटकों की एक कड़ी है। कैप्टन ने कहा कि अकाली दल ने अभी तक सत्तारूढ़ गठबंधन को नहीं छोड़ा है और इस्तीफा किसानों की चिंता के लिए नहीं है, बल्कि अपने राजनीतिक भविष्य को बचाने के लिए है और किसानों के लिए यह बहुत देर बाद किया गया बहुत कम काम है।
उन्होंने आगे कहा कि हरसिमरत का इस्तीफा भी पंजाब के किसानों के साथ खिलवाड़ करने से ज्यादा कुछ नहीं है और ये राजनीतिक जमीन तलाशने के लिए है। हरसिमरत कौर का इस्तीफा एक नाटक है। कौर ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन अभी भी गठबंधन नहीं छोड़ा है। ये कदम किसानों की चिंता के लिए नहीं उठाया गया है, बल्कि खुद की घटती सियासी जमीन को बचाने से प्रेरित है।
क्या हैं बिल में संसद के मानसून सत्र में मोदी सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र से जुड़े लाए गए तीन प्रमुख बिलों का विपक्ष विरोध कर रहा है। इनमें पहला बिल है अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम, दूसरा द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फेसिलिटेशन),, जिसके जरिये हर किसी को कृषि उत्पाद खरीदने-बेचने की अनुमति देने की मंशा है।
वहीं, तीसरा बिल है फार्मर (एंपावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्युरेंस एंड फार्म सर्विसेज का, जिसके जरिये अनुबंध आधारित खेती को वैधता मिलेगी।