जानकारी के मुताबिक, पूंडरी के निर्वतमान विधायक प्रो. दिनेश कौशिक, 2014 में चुनाव लड़नेे वाले रणधीर सिंह गोलन व सीवन गांव से देवेंद्र हंस को पार्टी की सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला की ओर से नौ अक्टूबर को पार्टी के संविधान की धारा-25 के भाग-9 के अनुसार कार्रवाई की गई है। दिनेश कौशिक ने पूंडरी से 2014 में निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए जीत दर्ज की थी। इसके बाद मनोहर सरकार का समर्थन किया था। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में करनाल से भाजपा टिकट पर दावेदार थे, लेकिन टिकट नहीं मिला।
जुलाई माह में कैथल की नई अनाज मंडी में आयोजित रैली में सीएम मनोहर लाल की मौजूदगी में भाजपा ज्वाइन की थी। कौशिक और रणधीर सिंह गोलन पूंडरी हलके से टिकट के दावेदार थे, लेकिन भाजपा ने पार्टी के महामंत्री वेदपाल को इस हलके से उतार दिया। इसके बाद दोनों नेता पार्टी के इस फैसले का विरोध करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतर गए। वहीं, गुहला-चीका से आजाद उम्मीदवार देवेंद्र हंस करीब 30 सालों से संघ से जुड़े हुए थे और भाजपा में शामिल थे। इस बार वे गुहला से विधायक का चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी की ओर से रवि तारांवाली को टिकट दे दिया गया।
गांव सीवन के लोगों के कहने पर देवेंद्र हंस ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है। अब पार्टी की ओर से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक गुर्जर ने बताया कि प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला के आदेशानुसार कार्रवाई की गई है। पार्टी का नोटिस तीनों नेताओं को भेज दिया गया है। पार्टी से बगावत करने पर यह कार्रवाई की गई है। गौरतलब है कि हरियाणा में बीजेपी ने इस बार कई नेताओं की टिकट काटी है।