राजनीति

हेमंत सरकार ने 3 हजार लोगों पर लगा राष्ट्रद्रोह का मुकदमा वापस लिया, कानून का सम्मान करने की अपील की

पत्थलगढ़ी आंदोलन के आरोपियो पर से भी राष्ट्रद्रोह का मुकदमा वापस लिया था
सीएम बोले- क़ानून व्यवस्था का सम्मान करना हमारा कर्तव्य
कानून जनता को डराने एवं आवाज दबाने के लिए नहीं होते

नई दिल्लीJan 09, 2020 / 02:42 pm

Dhirendra

नर्इ दिल्ली। झारखंड में हेमंत सोने नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के तहत राष्ट्रद्रोह (Sedition) के आरोपी धनबाद ( Dhanbad ) के 3 हजार लोगों पर से केस वापस लेने का फैसला लिया है। बता दें कि इन लोगों पर नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) का विरोध करने पर धनबाद पुलिस ने यह मामला दर्ज किया था। इसके साथ ही झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ( Jharkhand Chief Minister Hemant soren ) ने जनता से कानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद की अपील की है।
बता दें कि धनबाद के वासेपुर इलाके में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) का विरोध करने पर 3 हजार लोगों के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। विधानसभा चुनाव के बाद हेमंत सोरेन सरकार ने अब इसे वापस लेने का ऐलान किया है। सोरेन ने एक ट्वीट में कहा है कि कानून जनता को डराने एवं उनकी आवाज़ दबाने के लिए नहीं बल्कि आम जन-मानस में सुरक्षा का भाव उत्पन्न करने को होता है।
उन्होंने कहा कि मेरे नेतृत्व में चल रही सरकार में क़ानून जनता की आवाज़ को बुलंद करने का कार्य करेगी। धनबाद में 3000 लोगों पर लगाए गए राजद्रोह की धारा को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने को कहा गया है। साथ ही दोषी अधिकारियों के ख़िलाफ समुचित करवाई की अनुशंसा की गर्इ। सीएम सोरेन ने झारखंड के लोगों से अपील की है कि यह प्रदेश आपका है। यहां के क़ानून व्यस्था का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है।
इससे पहले झारखंड का सीएम बनने के बाद हेमंत सोरेन ने पत्थलगढ़ी आंदोलन के आरोपियो पर से भी राष्ट्रद्रोह का मुकदमा वापस लिया था। पत्थलगढ़ी आंदोलन चलाने के आरोप में हजारों लोगों के खिलाफ तत्कालीन रघुबर दास सरकार ने राष्ट्रद्रोह का मुकदमा वापस लिया था। हेमंत सोरेन ने इसी महीने झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।

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