उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास को दिल्ली में बैठे ‘आकाओं’ को ‘लठैत’ बताते हुए कहा, “मुझे नहीं लगता कि पांच साल के दौरान उन्होंने इस राज्य के बारे में मुख्यमंत्री की तरह सोचा होगा।”
सोरेन ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में जहां केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों की जमकर आलोचना की, वहीं कई आरोपों का साफगोई से जवाब भी दिया। सोरेन ने कहा कि पार्टी की १९ अक्टूबर को रांची में होने वाली ‘बदलाव रैली’ के बाद समान विचार वाली अन्य पार्टियों के नेताओं के साथ गठबंधन को लेकर चर्चा होगी। अभी तो चुनाव की तिथियों की घोषणा भी नहीं हुई है।
उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि चुनाव की तिथियों की घोषणा या चुनाव परिणाम के बाद भी गठबंधन को लेकर बात होती है। हमारे विरोधी भी अब तक अपना गठबंधन झारखंड में तय नहीं कर पाए हैं।
सत्तापक्ष द्वारा अवैध संपत्ति का आरोप लगाए जाने के संबंध में पूछे जाने पर झामुमो के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री शिबू सोरेन के पुत्र हेमंत सोरेन ने बेबाक कहा, “यह सवाल ही निराधार है। सवाल उठाने वाले खुद सवालों से घिरते हैं। भाजपा की नीति निजी हमले और व्यक्तिगत लांछन लगाने की है। यही उनकी राजनीति है, जो राजनीति के सिद्धांत का भी मखौल उड़ाता है।”
उन्होंने कहा कि भाजपा आर्थिक और सामाजिक संकटों समेत महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान करने में विफल रहती है, तब वह व्यक्तिगत हमले, लांछन और ‘ध्रुवीकरण’ का सहारा लेती है। हेमंत ने सवालिया लहजे में कहा, “अगर मेरे पास अवैध संपत्ति है, तो इसे साबित कौन करेगा। केंद्र से लेकर राज्य में उनकी सरकार है, मैं गलत हूं तो मुझे जेल में डाल देना चाहिए।”
मौसम को लेकर आ गई अब तक की सबसे बड़ी खबर, बर्फीला तूफान देश के कई राज्यों में बढ़ाएगा मुश्किल आने वाले चुनाव में झामुमो के मुद्दों के संबध में पूछे जाने पर झारखंड में विपक्ष के नेता ने कहा कि इस चुनाव में झामुमो स्थानीय मुद्दों और वर्तमान सरकार की गलत नीतियों को लेकर जनता के बीच जाएगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय नीतियों को लेकर यहां के लोगों के साथ छल किया गया, आज राज्य में बेरोजगारी बढ़ गई है।
सोरेन ने केंद्र और राज्य सरकार पर झारखंड को ‘लिंचिंग पैड’ बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज इस राज्य में बच्चा चोरी, डायन-बिसाही और गोहत्या के नाम पर लोगों की जान ली जा रही है और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।
उन्होंने भाजपा से सवाल करते हुए कहा, “आखिर लोग भाजपा को वोट क्यों दें? झारखंड में किसान आत्महत्या कर रहे हैं। लोगों की भूख से मौत हो रही है, पारा (नियोजित) शिक्षकों की जान जा रही है, आखिर इसके लिए दोषी कौन है?”
सोरेने ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को ‘असंवेदनशील मुख्यमंत्री’ बताते हुए कहा कि वे सिर्फ दिल्ली में बैठे अपने अकाओं की सुनते हैं, उन्हें झारखंड के लोगों के प्रति कोई रुचि नहीं है। सोरेन ने कहा, “मुझे मुख्यमंत्री तो मुख्यमंत्री लगते ही नहीं हैं। वे दिल्ली में बैठे अपने आकाओं के लठैत हो गए हैं। मुख्यमंत्री की राज्य के प्रति कभी संवेदनशीलता मुझे दिखी नहीं। राज्य के प्रति मोह तो झारखंड के रहने वाले लोगों को होगा।”