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पाकिस्‍तान में हिंदू महिला ने रचा इतिहास, चुनी गई पहली सीनेटर

Published: Mar 04, 2018 10:36:43 am

Submitted by:

Dhirendra

कृष्णा कोहली दलित परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनका जन्‍म 1979 में सिंध के नगरपारकर जिले के एक गांव में हुआ था

krishna kohli
नई दिल्‍ली. हिंदू दलित महिला कृष्‍णा कोहली ने पाकिस्‍तान में एक नया इतिहास रच दिया है। वह पाकिस्तान की संसद में पहली महिला सीनेटर चुनी गई हैं। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने कृष्णा को सिंध से अपना उम्मीदवार बनाया था। कृष्णा बहुत ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं। कृष्णा का जन्म1979 में सिंध के नगरपारकर जिले के एक गांव में हुआ था। बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी पीपीपी ने सीनेट की एक अल्पसंख्यक उन्हें नामांकित किया था।
स्वतंत्रता सेनानी परिवार से है ताल्‍लुक
कृष्णा का संबंध स्वतंत्रता सेनानी रूपलो कोलही के परिवार से है। उनके परिवार के सदस्यों ने एक जमींदार की एक निजी जेल में करीब तीन वर्ष गुजारे। ब्रिटिश उपनिवेशों की सेना ने 1857 में जब सिंध पर हमला किया था, तब उसके खिलाफ रूपलो ने भी युद्ध में हिस्सा लिया था। कृष्णा जब 16 साल की थीं, तभी उनका विवाह लालचंद से हुआ। उस समय वह नौवीं कक्षा में पढ़ रही थीं। शादी के बाद भी उन्होंने शिक्षा जारी रखी और 2013 में सिंध यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में मास्टर डिग्री हासिल की। उसके बाद वो समाजसेवा से जुड़ गईं। आपको बता दें कि पीपीपी ने देश को कई महिला राजनेता दिए हैं। इनमें देश की पहली महिला पीएम बेनजीर भुट्टो, पहली महिला विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार और नेशनल असेंबली की पहली महिला स्पीकर फहमिदा मिर्जा शामिल हैं।
कार्यकर्ता के रूप में जुड़ी थी पीपीपी से
कृष्णा अपने भाई के साथ एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पीपीपी से जुड़ी थीं। इससे पहले उनके भाई को यूनियन काउंसिल बेरानो का चेयरमैन चुना गया। कृष्णा ने कहा था कि उनके पास नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज हैं। उसके बाद पीपीपी ने उन्‍हें पार्टी का प्रत्‍याशी बनाने का निर्णय लिया था।
जुल्फिकार ने बनाई थी पीपीपी
पीपीपी पाकिस्तान का एक प्रमुख राजनैतिक दल है। इसकी विचारधारा गणतांत्रिक समाजवाद है। इसकी स्थापना जुल्फिकार अली भुट्टो ने नेतृत्व में हुई थी। उसी समय से इस पार्टी का नेता हमेशा कोई भुट्टो-जरदारी परिवार का सदस्य ही रहा है। पार्टी का केंद्र पाकिस्तान के दक्षिणी सिंध प्रान्त में है, जहां भुट्टो परिवार की जड़ें हैं। पाकिस्तान के तीन शासक जुल्फिकार अली भुट्टो, बेनजीर भुट्टो और आसिफ अली जरदारी इस पार्टी से सम्बंधित रहे हैं।
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