कांग्रेस ने गुरुवार को राज्यसभा में मनोनीत सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से पेश किए गए दस्तावेजों पर सवाल उठाए
नई दिल्ली। कांग्रेस ने गुरुवार को राज्यसभा में मनोनीत सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से पेश किए गए दस्तावेजों पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने कहा कि स्वामी को रक्षा मंत्रालय, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के गोपनीय दस्तावेज कैसे हासिल हुए। कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सदन को बताना चाहिए कि स्वामी की उन दस्तावेजों तक पहुंच कैसे हुई, जिन्हें उन्होंने सत्यापित कराने और सदन के पटल पर रखने से इनकार कर दिया था।
उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि अगर स्वामी दस्तावेजों को सत्यापित कराने और सदन के पटल पर रखे जाने की उनकी व्यवस्था का पालन नहीं करते हैं तो नियम अपना काम करेंगे। कुरियन ने कहा कि व्यवस्था का पालन करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि कल उन्होंने व्यवस्था दी थी कि जिन भी दस्तावेजों का हवाला दिया जा रहा है उन्हें सत्यापित किया जाए और सदन के पटल पर रखा जाए। उन्होंने कहा कि इसका पालन करना होगा। कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के बीचए संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि स्वामी ने जिन दस्तावेजों का हवाला दिया था उन्होंने उसे सत्यापित कराया और सदन के पटल पर रख दिया है। नकवी ने कहा कि स्वामी ने मुद्दे का ध्यान रखा है।
राम मंदिर मुद्दे की प्रतिदिन हो सुनवाई: स्वामी
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से जुड़े और वर्षाें से उच्चतम न्यायालय में लंबित मामले के मुद्दे को राज्यसभा में उठाया और इस पर दैनिक आधार पर सुनवाई किये जाने की मांग की। स्वामी ने सदन की कार्यवाही शुरू होने पर व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने अदालतों में लंबित पड़े मुद्दे पर हाल ही में चिंता जतायी थी। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मामला भी वर्षाें से लंबित पड़ा हुआ है और इस पर दैनिक आधार पर सुनवाई की जानी चाहिए।
हालांकि स्वामी को उप सभापति पी जे कुरियन द्वारा अपनी बात कहने की अनुमति दिए जाने पर कांग्रेस सदस्यों ने काफी शोरगुल किया, लेेकिन कुरियन के कडे रूख पर वे शांत हो गये। लेकिन स्वामी के अपनी बात रखते ही कांग्रेसी सदस्यों ने उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे पर कड़ी आपत्ति जतायी और कहा कि यह मुद्दा व्यवस्था के प्रश्न के तहत नहीं उठाया जा सकता है। इस पर कुरियन ने भी कहा कि यह व्यवस्था का प्रश्न नहीं है। इसलिए स्वामी द्वारा उठाया गया मुद्दा मान्य नहीं है।