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जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति नहीं राज्यपाल शासन लगाया जाता है, क्यों? ये है इसकी वजह

locationनई दिल्लीPublished: Jun 19, 2018 09:11:18 pm

Submitted by:

Anil Kumar

संविधान की धारा 92 के तहत जम्मू-कश्मीर में कोई राजनीतिक संकट उत्पन्न होने पर राष्ट्रपति की अनुमति के बाद राज्य में 6 महीने के लिए राज्यपाल शासन लगाया जा सकता है।

जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन के आसार

जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाया जाता है राष्ट्रपति शासन नहीं, क्यों? ये है इसकी वजह

नई दिल्‍ली । भाजपा और पीडीपी गठबंधन की सरकार का अंत मंगलवार को हो गया। भाजपा ने महबूबा पर कई आरोप लगाते हुए समर्थन वापस ले लिया जिसके बाद से महबूबा सरकार गिर गई। बता दें कि तीन वर्ष बाद दोनों के बीच यह गठबंधन टूटा है। भाजपा के समर्थन वापसी के बाद महबूबा ने राज्यपाल एनएन वोहरा को अपनी इस्तीफा भेज दिया है। अब राज्यपाल एनएन वोहरा राज्य में राज्यपाल शासन लगाने पर विचार कर रहे हैं। लेकिन हम लोग हमेशा यह सुनते आए हैं कि किसी राज्य में समयपूर्व कोई मुख्यमंत्री इस्तीफा देता है तो राज्यपाल के सुझाव पर उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होता है। परन्तु जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन के जगह पर राज्यपाल शासन लगाया जाता रहा है। अब सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों हैं?

अगर ऐसा हुआ तो… जम्मू-कश्मीर में 40 वर्षों में 8वीं बार लग सकता है राज्यपाल शासन

6 महीने के लिए लगाया जा सकता है राज्यपाल शासन

आपको बता दें कि दरअसल जम्मू-कश्मीर को संविधान के तहत एक स्पेशल राज्य का दर्जा मिला हुआ है। संविधान की धारा 92 में इस बात का उल्लेख किया गया है कि जम्मू-कश्मीर में यदि किसी तरह का कोई राजनीतिक संकट उत्पन्न होता है या फिर संविधान के तहत चलने में विफल रहा तो ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति की अनुमति के बाद राज्य में 6 महीने के लिए राज्यपाल शासन लगाया जा सकता है। संविधान में यह भी कहा गया है कि यदि जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाया जाता है तो इस दौरान वहां की विधानसभा भंग रखी जाती है। आपको बता दें कि संविधान के मुताबिक 6 महीने बाद जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन को बढ़ाया भी जा सकता है। संविधान की धारा 356 के मुताबिक यदि जम्मू-कश्मीर मे राज्यपाल शासन लगा हो और 6 महीने के अंदर वहां कोई भी सरकार नहीं बनती है या किसी भी तरह से संवैधानिक तंत्र दोबारा शुरु नहीं होता है तो फिर राज्यपाल शासन की अवधि को आगे बढ़ाई जा सकती है। लेकिन इस बार यह बढ़ी हुई अवधि राज्यपाल शासन नहीं बल्कि राष्ट्रपति शासन में बदल जाएगी।

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