मॉनसून सत्र गुरूवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया लेकिन इसके सत्रावसान के बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया गया है।
नयी दिल्ली। सरकार ने
संकेत दिए हैं कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े संविधान विधेयक को पारित
करने के लिए संसद के मॉनसून सत्र को आगे बढ़ाया जा सकता है। इक्कीस जुलाई से शुरू
हुआ संसद का मॉनसून सत्र गुरूवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया लेकिन
इसके सत्रावसान के बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया गया है।
वित्त मंत्री
अरूण जेटली ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में
संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने के बारे में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया लेकिन कहा कि
सुबह मंत्रिमंडल की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक हुई थी और इसमें मॉनसून सत्र
के सत्रावसान के बारे में कोई फैसला नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि जीएसटी को
पारित करने के लिए हमारी भी रणनीति है लेकिन वह इसका खुलासा नहीं कर सकते। साथ ही
उन्होंने जोड़ा कि जीएसटी को एक अप्रैल से लागू करने का पूरा प्रयास किया जाएगा।
जेटली ने कहा कि इस विधेयक को लगभग सभी क्षेत्रीय दल समर्थन दे रहे हैं क्योंकि
इससे राज्यों को फायदा होने वाला है। उन्होंने कहा कि भाजपा से ज्यादा बिहार,
पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय दल जीएसटी को पारित कराने के लिए आतुर
हैं क्योंकि इससे ज्यादा खपत वाले राज्यों को अधिक फायदा होने वाला है। उन्होंने
कहा कि अगर जीएसटी विधेयक दिसंबर तक टल जाता है तो फिर इसे एक अप्रैल से लागू करना
मुश्किल हो जाएगा। विधेयक को पारित होने के बाद आधे राज्यों को इसका अनुमोदन करना
होगा। इसके बाद इससे संबंधित तीन विधेयक और आएंगे तब जाकर यह लागू हो पाएगा।