scriptडोकलाम में बढ़ा तनाव, चीन ने सीमा पर बढ़ाई सैनिकों की संख्या | Increased stress in Cologne China increased from 350 to 800 soldiers put 80 tents | Patrika News

डोकलाम में बढ़ा तनाव, चीन ने सीमा पर बढ़ाई सैनिकों की संख्या

Published: Aug 10, 2017 01:16:00 pm

Submitted by:

kundan pandey

7 हफ्तों से भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच डोकलाम गतिरोध बना हुआ है। इस विवादित जगह पर चीन ने सैनिकों की तैनाती को बढ़ा दिया है।

Doklam

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नई दिल्ली। बीते सात हफ्तों से भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच डोकलाम गतिरोध बना हुआ है। इस विवादित जगह पर चीन ने सैनिकों की तैनाती को बढ़ा दिया है। खबर के अनुसार डोलम पठार से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों ने करीब 90 तंबू गाड़ दिए हैं। इन तंबुओं में 800 से कम चीनी सैनिकों के होने का अनुमान है। जिसका मतलब है कि ये पीएलए की पूरी इन्फैन्ट्री बटालियन नहीं है। हालांकि भारतीय सैनिकों के जवाब में इस देश ने करीब 300 पीएलए सैनिकों को तैनात किया है। गौरतलब है कि यहां भारत सरकार ने करीब 350 सैनिकों को तैनात किया है जो करीब 30 तंबू में रह रहे हैं। दूसरी तरफ वरिष्ठ अधिकारियों ने चीनी सैनिकों की उपस्थिति पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया। उन्होंने आगे बताया कि विरोधी की तरफ से किसी भी तरह की हलचल की उम्मीद नहीं है। लेकिन भारतीय सेना डोकलाम के आसपास लगातार अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है।
हालात पूरी तरह से भारतीय सेना के काबू में हैं
वहीं सिक्किम-चीन सीमा के पास तैनात चीन की 33 कोर यूनिट के लिए भारतीय सेना ने अपना एडवांस ऑपरेशन अलर्ट प्रोग्राम भी आगे बढ़ा दिया है। ऐसा इसलिए किया गया है कि क्योंकि वर्तमान में यहां हालात भारतीय सेना के पूरी तरह से काबू में हैं। आमतौर पर 33 कोर यूनिट की तैनाती सितंबर या अक्टूबर के शुरुआत में की जाती है, लेकिन चीन ने अगस्त के शुरुआत में ही 33 कोर यूनिट की तैनाती कर दी।
किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सेना तैयार
गौरतलब है कि चीन ने ऐसा कर सकेंत देने की कोशिश की वो समय से पहले कहीं भी अपने सैनिकों की तैनाती कर सकता है। दूसरी तरफ भारतीय सेना ने गतिरोध स्थल पर किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए खुद को पूरी तरह से तैयार कर लिया है। सर्दियो के मौसम के दौरान सेना को रहने के लिए खाद्य आपूर्ति और भंडारण दगु ब्रिगेड द्वारा किया गया है। ऐसा इसलिए हैं क्योंकि विवादित स्थल पर भारतीय सेना की पोस्ट कुछ मीटर की दूरी पर ही स्थित हैं।
देश की सेना हर हालात से निपटने में सक्षमः अरुण जेटली/strong>
भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर संसद में हुई विशेष चर्चा में रक्षामंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इन दशकों में भारत के सामने कई चुनौतियां खड़ी हुईं, लेकिन हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि प्रत्येक चुनौती के साथ देश मजबूत होता गया। उन्होंने कहा, भारत ने चीन के साथ 1962 के युद्ध से सबक सीखकर देश की सेना को हर हालात से निपटने में सक्षम बनाया है। हमारी सेना हर चुनौती का सामना करने में सक्षम है। जेटली ने कहा कि सशस्त्र बल 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध से और मजबूत हुए। जेटली ने कहा, मैं सहमत हूं कि कुछ चुनौतियां आज भी हैं।
पीओके को वापस पाने की भारतीयों में प्रचंड इच्छा
कुछ लोगों की हमारी संप्रभुता और अखंडता पर नजर है, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे वीर सैनिक हमारे देश को सुरक्षित रखने की क्षमता रखते हैं, चाहे चुनौतियां पूर्वी सीमा पर हों या पश्चिमी सीमा पर।’ उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर के 1948 में कब्जाए गए हिस्सों को वापस पाने की भारतीयों में प्रचंड इच्छा है।
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