हालात पूरी तरह से भारतीय सेना के काबू में हैं
वहीं सिक्किम-चीन सीमा के पास तैनात चीन की 33 कोर यूनिट के लिए भारतीय सेना ने अपना एडवांस ऑपरेशन अलर्ट प्रोग्राम भी आगे बढ़ा दिया है। ऐसा इसलिए किया गया है कि क्योंकि वर्तमान में यहां हालात भारतीय सेना के पूरी तरह से काबू में हैं। आमतौर पर 33 कोर यूनिट की तैनाती सितंबर या अक्टूबर के शुरुआत में की जाती है, लेकिन चीन ने अगस्त के शुरुआत में ही 33 कोर यूनिट की तैनाती कर दी।
वहीं सिक्किम-चीन सीमा के पास तैनात चीन की 33 कोर यूनिट के लिए भारतीय सेना ने अपना एडवांस ऑपरेशन अलर्ट प्रोग्राम भी आगे बढ़ा दिया है। ऐसा इसलिए किया गया है कि क्योंकि वर्तमान में यहां हालात भारतीय सेना के पूरी तरह से काबू में हैं। आमतौर पर 33 कोर यूनिट की तैनाती सितंबर या अक्टूबर के शुरुआत में की जाती है, लेकिन चीन ने अगस्त के शुरुआत में ही 33 कोर यूनिट की तैनाती कर दी।
किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सेना तैयार
गौरतलब है कि चीन ने ऐसा कर सकेंत देने की कोशिश की वो समय से पहले कहीं भी अपने सैनिकों की तैनाती कर सकता है। दूसरी तरफ भारतीय सेना ने गतिरोध स्थल पर किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए खुद को पूरी तरह से तैयार कर लिया है। सर्दियो के मौसम के दौरान सेना को रहने के लिए खाद्य आपूर्ति और भंडारण दगु ब्रिगेड द्वारा किया गया है। ऐसा इसलिए हैं क्योंकि विवादित स्थल पर भारतीय सेना की पोस्ट कुछ मीटर की दूरी पर ही स्थित हैं।
गौरतलब है कि चीन ने ऐसा कर सकेंत देने की कोशिश की वो समय से पहले कहीं भी अपने सैनिकों की तैनाती कर सकता है। दूसरी तरफ भारतीय सेना ने गतिरोध स्थल पर किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए खुद को पूरी तरह से तैयार कर लिया है। सर्दियो के मौसम के दौरान सेना को रहने के लिए खाद्य आपूर्ति और भंडारण दगु ब्रिगेड द्वारा किया गया है। ऐसा इसलिए हैं क्योंकि विवादित स्थल पर भारतीय सेना की पोस्ट कुछ मीटर की दूरी पर ही स्थित हैं।
देश की सेना हर हालात से निपटने में सक्षमः अरुण जेटली/strong>
भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर संसद में हुई विशेष चर्चा में रक्षामंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इन दशकों में भारत के सामने कई चुनौतियां खड़ी हुईं, लेकिन हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि प्रत्येक चुनौती के साथ देश मजबूत होता गया। उन्होंने कहा, भारत ने चीन के साथ 1962 के युद्ध से सबक सीखकर देश की सेना को हर हालात से निपटने में सक्षम बनाया है। हमारी सेना हर चुनौती का सामना करने में सक्षम है। जेटली ने कहा कि सशस्त्र बल 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध से और मजबूत हुए। जेटली ने कहा, मैं सहमत हूं कि कुछ चुनौतियां आज भी हैं।
भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर संसद में हुई विशेष चर्चा में रक्षामंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इन दशकों में भारत के सामने कई चुनौतियां खड़ी हुईं, लेकिन हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि प्रत्येक चुनौती के साथ देश मजबूत होता गया। उन्होंने कहा, भारत ने चीन के साथ 1962 के युद्ध से सबक सीखकर देश की सेना को हर हालात से निपटने में सक्षम बनाया है। हमारी सेना हर चुनौती का सामना करने में सक्षम है। जेटली ने कहा कि सशस्त्र बल 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध से और मजबूत हुए। जेटली ने कहा, मैं सहमत हूं कि कुछ चुनौतियां आज भी हैं।
पीओके को वापस पाने की भारतीयों में प्रचंड इच्छा
कुछ लोगों की हमारी संप्रभुता और अखंडता पर नजर है, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे वीर सैनिक हमारे देश को सुरक्षित रखने की क्षमता रखते हैं, चाहे चुनौतियां पूर्वी सीमा पर हों या पश्चिमी सीमा पर।’ उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर के 1948 में कब्जाए गए हिस्सों को वापस पाने की भारतीयों में प्रचंड इच्छा है।
कुछ लोगों की हमारी संप्रभुता और अखंडता पर नजर है, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे वीर सैनिक हमारे देश को सुरक्षित रखने की क्षमता रखते हैं, चाहे चुनौतियां पूर्वी सीमा पर हों या पश्चिमी सीमा पर।’ उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर के 1948 में कब्जाए गए हिस्सों को वापस पाने की भारतीयों में प्रचंड इच्छा है।