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देश की पहली बुलेट ट्रेन के लिए भारत-जापान के बीच समझौता

Published: Dec 12, 2015 11:46:00 pm

मोदी ने आबे के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की अपनी बातचीत के बाद मीडिया से
कहा, आज हमने अपनी साझा यात्रा में एक नई ऊंचाइयां हासिल की है

Abe Modi

Abe Modi

नई दिल्ली। जापान ने भारत में अरबों डॉलर निवेश का शनिवार को वादा किया। इसमें बहुचर्चित बुलेट टे्रन के लिए नगण्य ब्याज दर पर 12 अरब डॉलर का एक ऋण और मेक इन इंडिया पहल के लिए 12 अरब डॉलर का एक अन्य ऋण शामिल है। इसके अलावा दोनों देशों ने रक्षा और परमाणु ऊर्जा सहित कुल 16 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। ये 16 समझौते जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के भारत दौरे के दौरान हुए। इस दौरान उन्होंने भारत के साथ विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी पर भारतीय प्रधानमंत्री के संग वार्षिक द्विपक्षीय शिखर बैठक में भी हिस्सा लिया।

मोदी ने आबे के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की अपनी बातचीत के बाद मीडिया से कहा, आज हमने अपनी साझा यात्रा में एक नई ऊंचाइयां हासिल की है। इस पर आबे ने कहा, भारत और जापान के बीच साझेदारी की अनंत संभावना है। मैं इससे सहमत हूं।

भारतीय पक्ष खासतौर से मुंबई और अहमदाबाद के बीच उच्च गति वाली रेलगाड़ी के लिए मिले पैकेज से खुश है, जिस पर मात्र 0.1 प्रतिशत ब्याज होगा। इसका 50 वर्षों की अवधि में भुगतान करना होगा और वह भी 15 वर्षों तक भुगतान न करने की छूट होगी। मोदी ने जापान-इंडिया मेक-इन-इंडिया स्पेशल फायनेंस फैसिलिटी के लिए 15 खरब येन देने के लिए भी आबे को धन्यवाद दिया।

भारत ने जापान को आश्वस्त किया कि वह चार अंतर्राष्ट्रीय परमाणु निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं का पूर्ण सदस्य बनेगा। इसके बाद टोक्यो ने भी कदम आगे बढ़ाते हुए नई दिल्ली के साथ तकनीकी मुद्दों को अंतिम रूप देने के बाद परमाणु ऊर्जा के
शांतिपूर्ण इस्तेमाल पर सहयोग समझौता करने का निर्णय लिया।

मोदी ने कहा कि परमाणु ऊर्जा सहयोग पर हुआ समझौता व्यापार व स्वच्छ ऊर्जा से संबंधित एक समझौते से बढ़कर है। यह एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित दुनिया के लिए आपसी विश्वास और साझेदारी के एक नए स्तर का देदीप्यमान प्रतीक है।
भारत पहली मार्च, 2016 से सभी जापानी नागरिकों को आगमन पर वीजा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में संबंध बेहतर किए जाएंगे और इस दिशा में भारतीय सशस्त्र बलों के लिए यूएस-2 विमान जैसे उपकरण खरीदे जाएंगे। इस विमान को जल और आसमान दोनों जगह संचालित किया जा सकता है।

इसी तरह आबे ने कहा कि अगले पांच वर्षों में जापान चाहेगा कि 10,000 भारतीय युवा प्रतिभाएं विद्यार्थी आदान-प्रदान, आईटी प्रशिक्षण और अल्पकालिक कार्यक्रमों जैसी कार्ययोजनाओं के तहत उनके देश का दौरा करें। उन्होंने आशा जताई
कि यह भावी संबंधों के लिए ठोस आधार प्रदान करेगा।

दोनों पक्षों ने समुद्री मुद्दों पर भी द्विपक्षीय और क्षेत्रीय संदर्भ में अपने संबंधों को आगे बढ़ाया। एक तरफ दोनों नेताओं ने भारत-यूएस मालाबार अभ्यास में जापान की नियमित भागीदारी का स्वागत किया, वहीं हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उपस्थित चुनौतियों पर चिंता भी जाहिर की।

दक्षिण चीन सागर में चीन के विस्तारवादी दावों के बारे में कुछ देशों की चिंताओं का प्रत्यक्ष जिक्र किए बगैर मोदी ने कहा कि भारत नौवहन और उड़ान, और अबाध समुद्री व्यापार की आजादी सुनिश्चित कराने के लिए दृढ़ता के साथ खड़ा है।
उन्होंने कहा, हम मानते हैं कि विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाना चाहिए और सभी देश समुद्री मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय कानून और नियमों का पालन करें।

दोनों नेताओंं की दिन की शुरुआत कारोबारी नायकों के साथ एक बैठक के साथ हुई। दोनों नेताओं ने बुलेट ट्रेन की उपमा देते हुए एक-दूसरे की प्रशंसा की। आबे ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी की आर्थिक नीतियां शिंकनसेन -तीव रफ्तार, सुरक्षित और विश्वसनीय और कई लोगों को एक साथ ढोने वाली- जैसी हैं।

इसके जवाब में मोदी ने कहा, भारत और जापान को एक साथ आगे बढऩा चाहिए, न सिर्फ तीव्र रफ्तार रेलगाड़ी के क्षेत्र में बल्कि तीव्र विकास के लिए भी। भारत और जापान अपने दृष्टिकोण और मूल्यों के साथ एक एशियाई सदी को आकार देंगे, और अपने संबंधों के दृष्टिकोण 2025 को साकार करेंगे।

मोदी ने कहा कि भारत के आर्थिक सपनों को साकार करने में जापान से ज्यादा कोई मित्र मायने नहीं रखता है। आज हमने अपनी साझा यात्रा को नई ऊंचाई दी है। भारत जापान के साथ अपने विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को महत्व देता है और इसे लेकर भारत में बेमिसाल सद्भाव और राजनीतिक सहमति है।

मोदी ने कहा, हम जापानी द्विपक्षीय सहायता में तीव्र वृद्धि और मेक इन इंडिया मिशन के लिए जापान की सार्वजनिक और निजी वचनबद्धता में वृद्धि की भी प्रशंसा करते हैं। आबे तीन दिवसीय आधिकारिक दौरे पर शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचे हैं।
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