आरएसएस प्रमुख एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक जे एस राजपूत की लिखी पुस्तक ‘गांधी को समझने का यही समय’ का विमोचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी एक कट्टर सनातनी हिंदू थे लेकिन उनका सभी धर्मों की पुजा पद्धति पर विश्वास था और मानते थे कि सभी धर्मों का एक ही संदेश होता है। उन्होंने बताया कि सुभाष चंद्र बोस महात्मा गांधी के विचारों से सहमत नहीं रहते थे लेकिन वह हमेशा उनको राष्ट्रपिता संबोधित करते थे। भागवत ने कहा कि भारत के भाग्य में परिवर्तन लाना है, तो लोकप्रियता की इच्छा को छोडऩा पड़ेगा और महात्मा गांधी की तरह कठोर अनुशासन में खुद को बांधना होगा। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का एक आधा आंदोलन भटक गया तो उन्होंने प्रायश्चित भी किया लेकिन आज ऐसा देखने को नहीं मिलता।
हमारे राजनेता मुगलों से कम नहीं: सुभाष कश्यप
समारोह में संविधान विशेषज्ञ डॉ सुभाष कश्यप ने सवाल उठाया कि राजनीति में स्वच्छता अभियान कब चलेगा। उन्होंने कहा कि राजनेताओं को सादा जीवन जीना पड़ेगा। शान शौकत की जिंदगी में हमारे राजनेता मुगलों से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली की इमारतों को गिराकर निर्माण योजना जनता के पैसे की बर्बादी है और इससे झोपड़ी और संसद के बीच की खाई और बढ़ेगी।