इस इस्तीफे को इनेलो के लिए सबसे बड़ा झटका भी बताया जा रहा है। अशोक अरोड़ा 15 साल तक इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष रहे हैं। मंगलवार को अशोक अरोड़ा समर्थकों के बीच पहुंचे और इस्तीफा देने की घोषणा की।
चंद्रयान-2 को लेकर ISRO ने किया सबसे बड़ा खुलासा, लैंडर विक्रम की नई लोकेशन मिली, अब जल्द भेजेगा तस्वीर जल्द ही कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं अरोड़ा
एक तरफ कांग्रेस से खफा भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पार्टी की मुश्किल बढ़ाई हुई है तो दूसरी तरफ पार्टी के लिए एक अच्छी खबर आई है।
एक तरफ कांग्रेस से खफा भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पार्टी की मुश्किल बढ़ाई हुई है तो दूसरी तरफ पार्टी के लिए एक अच्छी खबर आई है।
बताया जा रहा है कि कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर अशोक अरोड़ा जल्द ही कांग्रेस का हाथ थामने का फैसला कर सकते हैं। यहीं नहीं सूत्रों की मानें तो वो थानेसर से कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं।
आपको बता दें कि लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। अशोक अरोड़ा ने लोकसभा चुनाव में मिली हार की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए ये इस्तीफा दिया था।
अरोड़ा ने कहा था कि पार्टी की हार पर नैतिक जिम्मेवारी के नाते अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं। अशोक अरोड़ा ने अपना इस्तीफा पार्टी कार्यालय को ई मेल के जरिए भेजा था।
अरोड़ा के इस्तीफे के बाद विरोधी पार्टियों में राहत महसूस की जा रही है। बीजेपी भी अंदर ही अंदर इस फैसले के बाद राहत सांस ले रही होगी। दरअसल इंडियन नेशनल लोकदल ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रदेश पदाधिकारियों के नाम की घोषणा कर दी थी।
बताया जा रहा है कि अरोड़ा इन नामों की सूची से संतुष्ट नहीं थे। यही नहीं नई सूची में अशोक कुमार अरोड़ा को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद दिया गया था, लेकिन वे इससे भी खुश नहीं थे।