राउज एवेन्यू कोर्ट में चिदंबरम की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने जिरह की। उन्होंने अदालत को बताया कि सिंगापुर और ब्रिटेन के कुछ बैंक खातों की पहचान की गई है। कई फर्जी कंपनियों के द्वारा कुछ ट्रांजैक्शन किए गए हैं।
पी चिदंबरम सीबीआई की रिमांड पर, एक क्लिक में जानिए क्या है INX मीडिया केस उन्होंने आगे कहा कि विदेशी बैंक खाता, संपत्तियों का अधिग्रहण करने और पैसे के लेन-देन के लिए कई फर्जी कंपनियां बनाई गईं। चिदंबरम से इन सभी के बारे में विस्तार से पूछताछ होनी बाकी है। इसलिए एयरसेल-मैक्सिस मामले में इन्हें हिरासत में रखे जाने की आवश्यकता है।
नटराजन ने अदालत को सीलबंद पैकेट में कुछ दस्तावेज सौंपने की भी बात कही। इस पैकेट में मामले से जुड़े कई अहम सबूत हैं। हालांकि चिदंबरम की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल ने नटराजन के इस प्रस्ताव का विरोध किया।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में पी चिदंबरम की जमानत याचिका लेकर पहुंचे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से अदालत ने कहा था कि उन्हें जमानत के लिए निचली अदालत जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया कि चिदंबरम को तिहाड़ जेल नहीं भेजा जाएगा।
गृह मंत्री अमित शाह का आरोप- यूपीए सरकार ने 12 लाख करोड़ के घोटाले किए इसके अलावा सर्वोच्च अदालत ने यह भी कहा कि अगर ट्रायल कोर्ट में चिदंबरम की अंतरिम जमानत की याचिका खारिज हो जाती है, तो बुधवार को वह स्वयं इस मामले की सुनवाई करेगा।
इस दौरान सिब्बल ने चिदंबरम की जमानत याचिका के समर्थन में कहा कि वह अब 74 वर्ष के हैं। अदालत चाहे तो उन्हें घर पर नजरबंद रहने का आदेश दे सकती है, जिसमें उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी।