scriptजम्‍मू और कश्‍मीर: पीडीपी को छोड़ सकते हैं 14 विधायक, महबूबा का भविष्‍य खतरे में | Jammu and Kashmir: 14 MLAs can leave PDP, future of Mehbooba in danger | Patrika News

जम्‍मू और कश्‍मीर: पीडीपी को छोड़ सकते हैं 14 विधायक, महबूबा का भविष्‍य खतरे में

locationनई दिल्लीPublished: Jul 11, 2018 09:25:51 am

Submitted by:

Dhirendra

घाटी में नया नेतृत्‍व आगे लाने के लिए बागी विधायक परिवारवाद से अलग बेहतर विकल्‍प की तलाश में हैं ।

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जम्‍मू और कश्‍मीर: पीडीपी को छोड़ सकते हैं 14 विधायक, महबूबा का भविष्‍य खतरे में

नई दिल्‍ली। जम्‍मू और कश्‍मीर में भाजपा-पीडीपी गठबंधन टूटने के बाद से प्रदेश की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती का राजनीतिक भविष्‍य खतरे में आ गया है। अभी तक चार पीडीपी एमएलए ने उनके खिलाफ विरोध का बिगुल फूंका था। अब इन बागी विधायकों का दावा है कि पीडीपी को 14 एमएलए गुड बाय कह सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो इससे महबूबा की राजनीति को घाटी में लंबे अरसे तक वनवास झेलना पड़ सकता है।’
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परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप
दरअसल, जब से भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार गिरी है तभी से महबूबा मुफ्ती और उनकी पार्टी पीडीपी का राजनीतिक भविष्य खतरे में आ गया है। ऐसा इसलिए कि उनकी पार्टी के नेता और विधायक खुले तौर पर असंतोष जाहिर करने लगे हैं। बागी विधायकों का आरोप है कि सवा तीन साल तक सीएम पद पर रहते हुए महबूबा ने जम्मू-कश्मीर में पारिवारवाद को बढ़ावा दिया। महबूबा के सीएम रहते हुए भले ही ये विधायक कुछ बोलने की स्थिति में नहीं थे लेकिन सरकार गिरने के बाद से उनके खिलाफ बगावत तेज हो गई है।

थाम सकते हैं भाजपा का हाथ
बागी विधायकों का दावा है कि बहुत जल्‍द पीडीपी के 14 विधायक पार्टी छोड़ देंगे। ये विधायक अलग पार्टी बनाएंगे या किसी अन्‍य पार्टी का दामन थामेंगे इस बारे में अभी कोई संकेत नहीं दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये लोग भाजपा का दामन थामकर जम्‍मू और कश्‍मीर में सरकार बनाने का दावा कर सकते हैं।
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पार्टी को बचाने की चुनौती
आपको बता दें कि असंतुष्ट पीडीपी नेता और विधायक जादीबाल, अबीद अंसारी, इमरान रजा अंसादी सहित चार विधायकों ने दावा किया है कि 14 विधायकों ने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है। शिया समुदाय से ताल्‍लुक रखने वाले इन विधायकों ने पिछले हफ्ते पीडीपी छोड़ने के अपने फैसले की घोषणा की थी। तभी ने पीडीपी की परेशानी बढ़ गई है। विधायकों के इस रुख के बाद से महबूबा के सामने पार्टी को टूट से बचाने की सबसे बड़ी चुनौती है।
बेहतर विकल्‍प की तलाश
बारामूला के विधायक जावेद हुसैन बेग ने सार्वजनिक रूप से मुफ्ती की आलोचना की है। उन्‍होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय अपने चाचा और संसद सदस्य मुजफ्फर हुसैन बेग पर छोड़ दिया है। पीडीपी विधायक गुलमर्ग, मोहम्मद अब्बास वानी ने भी पिछले हफ्ते पार्टी छोड़ने की घोषणा की थी। उत्तर कश्मीर के बांदीपोरा से पीडीपी नेता और एमएलसी यासीर रेशी ने शुक्रवार को अपनी पार्टी के सहयोगियों को जम्मू-कश्मीर में पारिवारवाद के खिलाफ विकल्प की तलाश करने के लिए समर्थन दिया है।
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