मनोज सिन्हा बोले समझौते की कोई गुंजाइश नहीं गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा पत्रकार बशीर असद की किताब ‘कश्मीर : द वार ऑफ नैरेटिव्स’ के विमोचन के मौके पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘मेरा मानना है कि यह स्पष्ट होना चाहिए कि यह सीमा रेखा है और किसी को भी इसे पार करने की अनुमति नहीं है। जब तक मैं यहां हूं, यहां ऐसा ही रहेगा, यहां किसी समझौते की गुंजाइश नहीं है।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त हुए दो साल का समय हो गया है। इस दौरान घाटी में शांति का माहौल है। मनोज सिंहा का कहना है कि लोगों ने मुझसे कहा था कि 5 अगस्त को बंद होगा। मुझे नहीं लगा कि 5 अगस्त कोई महत्वपूर्ण तारीख है, लेकिन भगवान की कृपा से, कोई बंद नहीं था।
डंडे का प्रयोग कर कुछ गलत नहीं किया मनोज सिन्हा ने कहा कि एक पत्रकार ने मुझसे पूछा कि बंद न हो यह सुनिश्चित करने के लिए मैंने डंडों का इस्तेमाल किया। मैंने तर्क दिया कि सारा ट्रैफिक चल रहा था और लोग बड़ी संख्या में खरीदारी कर रहे थे, ये सब डंडे के जोर से नहीं हो सकता है। लेकिन अगर आप मानते हैं, तो मैं इसे स्वीकर करता हूं। बंद भी तो पाकिस्तान और अतंकवाद की बंदूक से होता था। अगर मैंने डंडे का प्रयोग किया तो कुछ बुरा नहीं।
गलत धारणाओं को दूर करने की जरूरत उन्होंने कहा कि कश्मीर पर कुछ लोग स्वघोषित एक्सपर्ट बनकर इंटरनेशनल लेवल पर कहानियां बुन रहे हैं। यह जरूरी है कि हम इन गलत धारणाओं से दूर जाएं। यह जरूरी है कि यह देखा जाए कि लोग क्या चाहते हैं और उनकी जिंदगी कैसे बेहतर बनाई जा सकती है।