बड़ी मात्रा में हथियार जब्त
सुरक्षा बल 2018 में अधिक आतंकवादियों का आत्मसमर्पण कराने में सफल रहे। यह संख्या 2017 की तुलना में छह गुना अधिक रही। 2017 में केवल दो और 2016 में एक ने ही आत्मसमर्पण किया था। 2015 में किसी आतंकी ने आत्मसमर्पण नहीं किया था। आंकड़ों से यह भी पता चला कि साल 2018 में हिंसक घटनाएं भी चरम पर रहीं। यह साल 2017 की 279 घटनाओं की तुलना में करीब डेढ़ गुना अधिक रहीं। सुरक्षा बलों ने 2018 में 153 एके राइफलें जब्त कीं। न्यूज एजेंसी को मिले आंकड़ों के मुताबिक, 2017 में 213 एके राइफल जब्त की गईं थीं। जम्मू एवं कश्मीर में आंतरिक सुरक्षा में तैनात एक अधिकारी ने कहा कि एके-47 असॉल्ट राइफल आतंकियों का पसंदीदा हथियार है।
300 से ज्यादा आतंकी सक्रिय
एक न्यूज एजेंसी को अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कश्मीर घाटी में अभी तीन सौ से अधिक आतंकी सक्रिय हैं जिनमें विदेशी आतंकी भी शामिल हैं। इनकी सक्रियता विशेष रूप से दक्षिण कश्मीर में है जिसे आतंकवाद का गढ़ माना जाता है। अधिकारी ने कहा कि ये आतंकी घाटी के युवाओं को गुमराह कर उन्हें हथियार उठाने के लिए प्रेरित करते रहते हैं। आतंकी सोशल मीडिया पर युवाओं के विचारों पर नजर रखते हैं और जिन युवाओं के विचारों में उन्हें अपने अनुरूप ‘संभावना’ नजर आती है, उनसे संपर्क साधते हैं। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि राज्य में महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली सरकार से भाजपा द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद 19 जून को राज्यपाल शासन लगने के बाद से सुरक्षा के हालात काफी बेहतर हुए हैं।