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उमर अब्दुल्ला को शक- राज्यपाल कर रहे हैं जासूसी, हो रही फोन टैपिंग

Published: Oct 29, 2018 09:41:45 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पत्थर फेंकने वाले युवकों के साथ आतंकवादियों जैसा बर्ताव नहीं किया जा सकता हैं। उन्हें गोली नहीं मारी जा सकते।

Omar Abdullah

उमर अब्दुल्ला को शक- राज्यपाल कर रहे हैं जासूसी, हो रही फोन टैपिंग

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने आशंका जताई है कि उनकी जासूसी करने के लिए उनका फोन टेप किया जा रहा है। अब्दुल्ला ने इसके पीछे राज्यपाल भवन की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल सत्य पाल मलिक के उस बयान पर हैरानी जताई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और वह निजी तौर पर इस बात पर सहमत हैं कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को पथराव नहीं करना चाहिए लेकिन वे सार्वजनिक तौर पर इस बात को कहते नहीं हैं।

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राज्यपाल को कैसे पता क्या सोचता हूं मैं: उमर अब्दुल्ला

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वह यह जानकर हैरान हैं कि मलिक को यह कैसे पता चला कि वह निजी तौर पर क्या सोचते हैं? उन्होंने हैरानी जताई कि क्या उन्हें परेशान करने के लिए उनकी फोन काल सुनी जा रही है या उनके दफ्तर और आवास की निगरानी की जा रही है। अब्दुल्ला ने सोमवार को ट्विटर पर लिखा कि राज्यपाल मलिक कैसे जानते हैं कि मैं किसी चीज के बारे में क्या सोचता हूं? क्या उनके साथ मेरी निजी तौर पर हुई बातचीत का वह हवाला दे रहे हैं? क्या मेरे फोन कॉल की निगरानी हो रही है? क्या मेरे दफ्तर और आवास की जासूसी की जा रही है? उनका मुझ पर एहसान होगा, अगर महबूबा मुफ्ती साहिबा इस बारे में स्पष्टीकरण देती हैं तो?

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https://twitter.com/MehboobaMufti?ref_src=twsrc%5Etfw
पत्थरबाजों के साथ न हो आतंकियों वाला बर्ताव: उमर अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता ने एक दूसरे ट्वीट में कहा कि मैं यह सार्वजनिक रूप से कह देता हूं, ताकि राज्यपाल को कोई गलतफहमी नहीं हो, नागरिकों को पथराव नहीं करना चाहिए और मुठभेड़ वाली जगह पर नहीं जाना चाहिए। मैं ना ही पहली बार यह सार्वजनिक तौर पर कर रहा हूं और न आखिरी बार कह रहा हूं। उमर ने कहा कि इसके साथ मैं यह भी कहना चाहता हूं कि पत्थर फेंकने वाले युवकों के साथ हम आतंकवादियों जैसा बर्ताव नहीं कर सकते हैं और उन्हें गोली भी नहीं मारी जा सकती है, बल्कि उनके साथ बातचीत के अन्य तरीके अपनाने होंगे।
राज्यपाल मलिक ने क्या कहा था?

बता दें कि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा था कि उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती निजी तौर पर इस बात पर सहमत हैं कि नागरिकों को पथराव नहीं करना चाहिए और उन्हें मुठभेड़ वाली जगह पर नहीं जाना चाहिए, लेकिन वे सार्वजनिक तौर पर इस बात को कहते नहीं हैं।
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