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जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल लोकसभा में ध्वनिमत से पारित, सीमा पर रहने वालों को मिलेगा लाभ

locationनई दिल्लीPublished: Jun 28, 2019 10:06:41 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

Jammu Kashmir Reservation Bill लोकसभा में पारित
गृहमंत्री Amit Shah ने सदन में पेश किया संशोधन बिल
सीमा के 10 KM के दायरे में रहने वालों को मिलेगा लाभ

Amit Shah

जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल लोकसभा में ध्वनिमत से पारित

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री Amit Shah ने शुक्रवार को Lok Sabha में जम्मू कश्मीर आरक्षण अधिनियम, 2004 का संशोधन बिल पेश किया। Jammu Kashmir Reservation Amendment Bill को ध्वनिमत से इसे पारित कर दिया गया। विपक्ष की ओर से इस पर लाए गए किसी भी संशोधन को सदन में मंजूरी नहीं मिली। इसके साथ ही राज्य में छह महीने के लिए और राष्ट्रपति शासन को मंजूरी मिल गई है।

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जम्‍मू कश्‍मीर में बढ़ा राष्ट्रपति शासन

शाह ने जम्‍मू कश्‍मीर ( Jammu Kashmir ) में छह महीने के लिए राष्‍ट्रपति शासन बढ़ाने को लेकर एक प्रस्‍ताव पेश किया था। उन्‍होंने सदन को बताया कि राज्‍य के हालातों को देखते हुए राष्‍ट्रपति शासन ( President’s Rule ) को आगामी छह महीने के लिए बढ़ाना जरूरी है। जिसे सदन की मंजूरी मिल गई है।

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सीमा पर रहने वालों को 3 फीसदी आरक्षण

संशोधन बिल के तहत अंतर्राष्ट्रीय सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 3 फीसदी आरक्षण को विस्तार दिया गया है। जम्मू कश्मीर आरक्षण अधिनियम सीधी भर्ती, पदोन्नति और विभिन्न श्रेणियों में कई व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आरक्षण प्रदान करता है।
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क्यों जरूरी था ये आरक्षण

पहले के विस्तार में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे व्यक्तियों को इस सुविधाय का लाभ नहीं मिलता था। इस इलाके को पाकिस्तानी सेना की फायरिंग व गोलीबारी का सामना करना पड़ता है, जिससे लोगों को अक्सर सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
सामाजिक और आर्थिक रुप से होता प्रभावित

अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि सीमा पर लगातार तनाव की वजह से सीमा से लगे व्यक्तियों को सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक पिछड़ेपन को झेलना पड़ता है।
तनाव की वजह से प्रभावित होती शिक्षा

गृहमंत्री ने कहा कि इन क्षेत्रों के लोगों को बार-बार तनाव की वजह से सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ता है। इससे इलाके में रहने वाले छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती है। ऐसे हालात में सीमा के पास के शिक्षण संस्थान भी लंबे समय तक बंद रहते हैं।
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ALoC पर रहने वालों से लिए हुआ आरक्षण का विस्तार

शाह ने लोकसभा में बताया कि तमाम मुश्किलों को देखते हुए यह जरूरी था कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे इलाकों में रह रहे लोगों को वास्तविक सीमा नियंत्रण रेखा (एएलओसी) पर रह रहे लोगों की तर्ज पर आरक्षण का विस्तार किया जाए।
मंत्रिमंडल से फरवरी में मिली थी मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फरवरी में जम्मू कश्मीर सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। जिसमें राष्ट्रपति द्वारा जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अध्यादेश, 2019 को जारी करने को कहा गया था।
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