जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि दोनों के बयानबाजी से पार्टी में कोई फर्क नहीं पड़ता है। प्रदेश अध्यक्ष ने दोनों नेताओं पर एक्शन लेने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत करने की बात कही है। वशिष्ठ नारायण सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि लगता है कि इन दोनों नेताओं ने अपना रास्ता बना लिया है। इसी वजह से पार्टी लाइन खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं।
बता दें कि जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने सबसे पहले एनआरसी को लेकर मुद्दा उठाया था। वो नीतीश कुमार से मिलकर उन्हें ये समझाने में कामयाब रहे कि बिहार में NRC लागू नहीं होगा। बाद में वो CAA के भी खिलाफ हो गए और कहा कि बिहार में CAA लागू नहीं होगा। हालांकि नीतीश कुमार ने विधानसभा में अपनी पार्टी की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा था कि वो किसी भी विषय पर सदन में बहस करने के लिए तैयार हैं। पीके बाद JDU नेता पवन वर्मा ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के उस बयान की खुलेआम आलोचना की थी जिसमें मई से सितंबर के दौरान बिहार में NPR लागू करने का ऐलान किया गया था। पवन शर्मा बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर भी आवाज उठाते रहे हैं। बता दें कि दिल्ली विधानसभा में जेडीयू का भाजपा के साथ चुनावी गठबंधन है। जेडीयू दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
बता दें कि झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची में प्रशांत किशोर का नाम शामिल था। लेकिन नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NPR) को लेकर अपने रुख के चलते प्रशांत किशोर का नाम कट गया। प्रशांत किशोर CAA और NRC को लेकर मोदी सरकार की लगातार आलोचना करते आ रहे हैं। हाल ही में उन्होंने नीतीश कुमार को एक खुला पत्र लिखकर इसे बिहार में लागू नहीं करने की अपील की थी। स्टार प्रचारकों की सूची में जेडीयू नेता पवन वर्मा का भी नाम नहीं है।