पत्र के बहाने लालू पर निशाना
अपने पत्र में जद (यू) ने लिखा कि बिहार की जनता अब ‘लालटेन युग’ और ‘जंगल राज’ को भूल चुकी है और लोग अब ‘नए बिहार’ की पटकथा लिख रहे हैं। जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने लालू प्रसाद को एक पत्र लिखकर कहा है, ‘यहां के लोग बिहार के गौरवशाली अतीत की तरह ही वर्तमान को गौरवशाली बनाने के इच्छुक हैं, जिसकी पटकथा ‘सुशासन’ की इस सरकार ने लिखी है। वैसे, आपकी व्याकुलता और छटपटाहट उस कालखंड का परिणाम है, जिसके लिए अदालत ने भी उस काल को ‘जंगल राज’ कहा था।’ पत्र में आगे कहा गया है, ‘आपकी (लालू) चिंता जेल में रहने के कारण बढ़ गई है, लेकिन आप किसी स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई के कारण, अल्पसंख्यकों या सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने के कारण जेल नहीं गए हैं, बल्कि अदालत ने आपको सरकारी राशि में घोटाला करने का दोषी पाया है। ऐसे में आपको सजा तो होनी ही थी।’
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पत्र में लालू प्रसाद पर निशाना साधते हुए लिखा गया है, ‘आपने राजनीतिक जीवन में परिवार के लिए अथाह बेनामी संपत्ति जोड़ ही लिया और इसके साथ ही अपने बेटों को भी राजनीति में ‘सेट’ कर ही दिया तो फिर अब क्या बाकी रह गया? आप तो राजनीतिक गुरु बन अपने पुत्रों को भी अपने रास्ते पर चलने के लिए प्रशिक्षित कर चुके हैं।’
लोकतंत्र बचाने के नाम पर फैलाया ‘भ्रम’
जद (यू) के नेता नीरज ने लालू पर संविधान, लोकतंत्र और आरक्षण बचाने के नाम पर भ्रम फैलाने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और संविधान में ही अदालत का भी समावेश है। उन्होंने कहा, ‘आपकी करनी के कारण देश की सर्वोच्च अदालत आपको जमानत तक देने को तैयार नहीं हैं। आप को उसी संविधान के तहत सजा सुनाई गई है, जिसे बचाने की आप दुहाई दे रहे हैं।’ पत्र के अंत में नीरज ने लालू को नसीहत देते हुए कहा कि संविधान पर विश्वास करना सिखिए।
लालू ने लिखा था पत्र
गौरतलब है इससे पहले लालू ने बिहार के लोगों को पत्र लिखकर कहा था कि इस चुनाव में सब कुछ दांव पर है। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, ’44 वर्षो में पहला चुनाव है, जिसमें मैं आपके बीच नहीं हूं। चुनावी उत्सव में आप सब के दर्शन नहीं होने का अफसोस है।’ लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के पहले लालू ने पत्र लिखकर लोगों से लोकतंत्र और संविधान बचाने की अपील करते हुए कहा था, ‘चुनावी उत्सव में आप सब के दर्शन नहीं होने का अफसोस है। आपकी कमी खल रही है इसलिए जेल से ही आप सब के नाम पत्र लिखा है। आशा है आप इसे पढ़िएगा एवं लोकतंत्र और संविधान को बचाइएगा।’