झारखंड में चुनाव सिर पर हैं, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल की भूमिका पूरे चुनाव में काफी फीकी नजर आ रही है। सजा काटने के साथ-साथ पारिवारिक समस्याओं ने लालू और आरजेडी के भविष्य पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। झारखंड विधानसभा चुनाव में तेवर दिखाने के बाद लालू यादव को अंत में झुकना पड़ा।
मौसम को लेकर वैज्ञानिकों ने जारी किया अब तक का सबसे बड़ा अलर्ट, देश के इन राज्यों में अगले पांच दिन तक बढ रही मुश्किल झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने लालू को बैकफुट पर खेलने के लिए मजबूर कर दिया। लालू ने सबसे पहले 14 सीटों पर चुनाव लड़ने का एकतरफा ऐलान किया, लेकिन झामुमो और कांग्रेस पर दबाव नहीं बना सके।
पिछले चुनाव का दिया हवाला
जब महागठबंधन के सबसे बड़े दल झामुमो ने उन्हें पिछले चुनाव का आईना दिखाया तो लालू झुकने पर मजबूर हो गये। कड़वा घूंट पी कर लालू केवल सात सीटों पर ही लड़ने के लिए राजी हो गये।
जब महागठबंधन के सबसे बड़े दल झामुमो ने उन्हें पिछले चुनाव का आईना दिखाया तो लालू झुकने पर मजबूर हो गये। कड़वा घूंट पी कर लालू केवल सात सीटों पर ही लड़ने के लिए राजी हो गये।
यहां से आरेजडी ने उतारे प्रत्याशी
झारखंड चुनाव में राजद ने सात सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। संजय यादव को गोड्डा, संजय सिंह यादव को हुसैनाबाद, देवघर से सुरेश पासवान, चतरा से सत्यानंद भोक्ता, छतरपुर से विजय राम, कोडरमा से सुभाष यादव, बरकट्ठा से खालिद खलील को राजद उम्मीदवार बनाया गया है।
झारखंड चुनाव में राजद ने सात सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। संजय यादव को गोड्डा, संजय सिंह यादव को हुसैनाबाद, देवघर से सुरेश पासवान, चतरा से सत्यानंद भोक्ता, छतरपुर से विजय राम, कोडरमा से सुभाष यादव, बरकट्ठा से खालिद खलील को राजद उम्मीदवार बनाया गया है।
इसके पहले झारखंड के प्रदेश राजद अध्यक्ष अभय सिंह ने 14 सीटों पर चुनाल लड़ने का एलान किया था। राजद ने हर हाल में इतनी सीटों पर लड़ने की बात कही थी। तेजस्वी यादव ने भी यही बात दोहरायी थी। लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने राजद को इतनी सीटें देने से इंकार कर दिया।
झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन कुछ दिन पहले लालू यादव से मिलने रिम्स गये थे। उसके बाद ही झामुमो के तेवर साफ दिखाई देने लगे। हालांकि मुलाकात के तुरंत बाद उन्होंने कुछ भी नहीं कहा था, लेकिन अब साफ है झारखंड में आरजेडी और लालू का कद कमजोर होता दिख रहा है।