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मुख्यमंत्री कमल नाथ के राजनीतिक सफर पर एक नजर, नौ बार रहे हैं सांसद

locationनई दिल्लीPublished: Dec 17, 2018 02:39:15 pm

Submitted by:

Navyavesh Navrahi

कमलनाथ 1980 से 2014 तक नौ बार सांसद चुने जा चुके हैं।

kamal nath

कमल नाथ

कमलनाथ आज मध्य प्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली। राज्य में लगभग डेढ दशक बाद कांग्रेस की सरकार बन रही है। जंबूरी मैदान में हुए शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी एकता भी देखने को मिली।
नौ बार रहे सांसद

मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले कमलनाथ मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से नौ बार सांसद रह चुके हैं। अपनी 38 साल की संसदीय पारी में वह पहली बार विधानसभा जाएंगे। कमलनाथ 1980 से 2014 तक नौ बार सांसद चुने जा चुके हैं। 1980 में पहली बार मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से लोकसभा के लिए चुने गए थे। इसके बाद 1985, 1989, 1991, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में यहां से सांसद बने। वे 1991 से 1995 तक नरसिम्हा राव सरकार में वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे। 2018 में उन्हें पहली बार प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाकर विधानसभा चुनाव जीतने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिसमें वे कामयाब रहे।
1995-96 में केंद्रीय वस्त्र राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी रहे। इस दौरान वे संसद की कई समितियों के सदस्य भी रहे। साल 2001 से 2004 तक उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में महासचिव की भूमिका निभाई।
इसके बाद 2004 से वर्ष 2009 की अवधि में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री के रूप में दायित्व संभाला। 2009 से 2011 तक केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री रहे और 2011 से 2014 तक शहरी विकास मंत्री के रूप में काम किया। 2014 में उन्हें सबसे वरिष्ठ सांसद होने के नाते संसद का प्रोटेम अध्यक्ष भी बनाया गया था।
लिख चुके हैं तीन किताबें, संगीत से भी लगाव

कमल नाथ लिखने में रुचि रखते हैं। इसमें इंडियाज एनवायरनमेंटल कंसर्न्स, इंडियाज सेंचुरी और भारत की शताब्दी, प्रमुख हैं। इसके अलावा वाइल्ड लाइफ में भी उनकी खास रुचि है। वे संगीत सुनने के भी शौकीन हैं। कमल नाथ कोलकाता क्रिकेट और फुटबॉल क्लब, टॉलीगंज क्लब कोलकाता, दिल्ली फ्लाइंग क्लब के सदस्य और एक्स चीफ पैट्रन, दिल्ली डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के मैंबर भी रहे हैं।
एसईजेड और कमल नाथ

साल 2004 में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री के रूप में कमल नाथ ने विदेशी व्यापार नीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसमें उन्होंने निर्यात के साथ-साथ रोजगार के अवसरों पर भी ध्यान दिया। इस समय दौरान भारत के विदेश व्यापार में तीन गुना वृद्धि हुई और भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में सात गुना वृद्धि हुई। कमलनाथ की कोशिशों से ही विशिष्ट आर्थिक जोन (एसईजेड) अधिनियम बनाया गया।
एक बार देखा हार का मुंह

बता दें अपने इतने साल के राजनीतिक कॅरियर में कमल नाथ को केवल एक बार हार का सामना करना पड़ा। 1998 में हुए उप चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा से वह हारे थे। 1946 में कानपुर में पैदा हुए कमल नाथ ने स्कूल की शिक्षा दून स्कूल से ली। इसके बाद कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई की। 27 साल की उम्र में 1973 में उनकी शादी अलका नाथ से हुई। उनके दो बेटे हैं।
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