जज नहीं हैं उपराष्ट्रपति, अगर ऐसा है तो गलत है
महाभियोग खारिज होने के बाद कांग्रेस के नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा है कि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू खुद को जज समझ रहे हैं, ये ठीक नहीं है। कपिल सिब्बल ने कहा कि भारत के इतिहास में ऐसा कभी देखने को नहीं मिला, सभी मामलों में जांच की गई। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति को सीजेआई के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव में गिनाई गई वजहों पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए था। सिब्बल ने आगे कहा कि यह तय करने का अधिकार जजों की समिति का होता है। सिब्बल ने कहा कि उपराष्ट्रपति को समिति गठित करनी चाहिए थी। कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर वो (वेंकैया नायडू) खुद को न्यायिक संस्था मानते हैं, तो वो गलत हैं। वो जज नहीं हैं। वह उच्च पद पर आसीन हैं, मैं उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाना चाहता हूं।
महाभियोग खारिज होने के बाद कांग्रेस के नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा है कि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू खुद को जज समझ रहे हैं, ये ठीक नहीं है। कपिल सिब्बल ने कहा कि भारत के इतिहास में ऐसा कभी देखने को नहीं मिला, सभी मामलों में जांच की गई। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति को सीजेआई के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव में गिनाई गई वजहों पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए था। सिब्बल ने आगे कहा कि यह तय करने का अधिकार जजों की समिति का होता है। सिब्बल ने कहा कि उपराष्ट्रपति को समिति गठित करनी चाहिए थी। कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर वो (वेंकैया नायडू) खुद को न्यायिक संस्था मानते हैं, तो वो गलत हैं। वो जज नहीं हैं। वह उच्च पद पर आसीन हैं, मैं उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाना चाहता हूं।
उपराष्ट्रपति ने नहीं दिया मिलने का समय
सिब्बल ने कहा कि पिछले हफ्ते उपराष्ट्रपति से मिलने के लिए समय मांगा गया था, लेकिन उन्होंने व्यस्तता का हवाला दिया था। उपराष्ट्रपति ने 20 अप्रैल को 12 बजे सांसदों को मिलने के लिए बुलाया था, लेकिन यह प्रक्रिया काफी पहले से ही शुरू हो गई थी, लेकिन इंतजार इसलिए किया गया क्योंकि मुख्य न्यायाधीश के कुछ करने की उम्मीद थी।
सिब्बल ने कहा कि पिछले हफ्ते उपराष्ट्रपति से मिलने के लिए समय मांगा गया था, लेकिन उन्होंने व्यस्तता का हवाला दिया था। उपराष्ट्रपति ने 20 अप्रैल को 12 बजे सांसदों को मिलने के लिए बुलाया था, लेकिन यह प्रक्रिया काफी पहले से ही शुरू हो गई थी, लेकिन इंतजार इसलिए किया गया क्योंकि मुख्य न्यायाधीश के कुछ करने की उम्मीद थी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को इसमें न घसीटा जाए
वहीं महाभियोग के प्रस्ताव पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं जैसे- पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबम के हस्ताक्षर न होने के सवाल पर सिब्बल ने कहा कि इन दोनों नेताओं से साइन करने को नहीं कहा गया था। साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी पूर्व पीएम को किसी विवाद में नहीं घसीटना चाहती थी, इसलिए उन्हें इससे दूर रखा गया। सिब्बल ने कहा कि अश्विनी कुमार और सलमान खुर्शीद सांसद नहीं हैं, इसलिए उनके साइन भी नहीं लिए गए।
वहीं महाभियोग के प्रस्ताव पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं जैसे- पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबम के हस्ताक्षर न होने के सवाल पर सिब्बल ने कहा कि इन दोनों नेताओं से साइन करने को नहीं कहा गया था। साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी पूर्व पीएम को किसी विवाद में नहीं घसीटना चाहती थी, इसलिए उन्हें इससे दूर रखा गया। सिब्बल ने कहा कि अश्विनी कुमार और सलमान खुर्शीद सांसद नहीं हैं, इसलिए उनके साइन भी नहीं लिए गए।