कर्नाटक पर कौन करेगा राज आपको बता दें कि कर्नाटक की राजनीति के लिए आज का दिन नतीजों का दिन है। ये चुनाव परिणाम लोकसभा चुनाव के लिहाज से भी निर्णायक साबित हो सकता है।
222 सीटों पर मतगणना जारी
222 सीटों पर पड़े मतों की गिनती आज सुबह 8 बजे से जारी है। चुनाव परिणाम इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि कर्नाटक का चुनाव कई लोगों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल भी है। इस चुनाव में एक ओर जहां सिद्धारमैया और बीएस येदियुरप्पा के बीच कुर्सी की लड़ाई है, वहीं दूसरी ओर पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की प्रतिष्ठा भी इससे जुड़ी हुई है। साथ ही क्षेत्रीय क्षत्रप के रूप में जेडीएस यानि कुमार स्वामी और देवगौड़ा की राजनीतिक भविष्य का निर्धारण भी इन सीटों पर चुनाव परिणाम से होने वाला है।
222 सीटों पर पड़े मतों की गिनती आज सुबह 8 बजे से जारी है। चुनाव परिणाम इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि कर्नाटक का चुनाव कई लोगों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल भी है। इस चुनाव में एक ओर जहां सिद्धारमैया और बीएस येदियुरप्पा के बीच कुर्सी की लड़ाई है, वहीं दूसरी ओर पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की प्रतिष्ठा भी इससे जुड़ी हुई है। साथ ही क्षेत्रीय क्षत्रप के रूप में जेडीएस यानि कुमार स्वामी और देवगौड़ा की राजनीतिक भविष्य का निर्धारण भी इन सीटों पर चुनाव परिणाम से होने वाला है।
जेडीएस के पास सत्ता की चाबी
चुनाव के बाद एग्जिट पोल में भी किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है। अधिकांश एग्जिट पोल में भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के संकेत दिए गए हैं। पोल के हिसाब से राज्य में त्रिशंकु विधानसभा के भी आसार हैं। यही वजह है कि जेडीएस प्रमुख पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल (एस) को किंगमेकर के रूप में देखा जा रहा है। त्रिशंकु विधानसभा को देखते हुए कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री के दावेदार सिद्धारमैया ने पहले ही कह दिया है कि यदि आलाकमान फैसला करता है तो वह किसी दलित को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर खुद कुर्सी छोड़ने को तैयार है। उनके इस बयान के बाद कयास लगाए जाने लगे हैं कि राज्य में खंडित जनादेश आ सकता है। उनके इस बयान को जेडीएस से गठबंधन के संकेत के रूप में भी देखा जा रहा है।
चुनाव के बाद एग्जिट पोल में भी किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है। अधिकांश एग्जिट पोल में भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के संकेत दिए गए हैं। पोल के हिसाब से राज्य में त्रिशंकु विधानसभा के भी आसार हैं। यही वजह है कि जेडीएस प्रमुख पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल (एस) को किंगमेकर के रूप में देखा जा रहा है। त्रिशंकु विधानसभा को देखते हुए कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री के दावेदार सिद्धारमैया ने पहले ही कह दिया है कि यदि आलाकमान फैसला करता है तो वह किसी दलित को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर खुद कुर्सी छोड़ने को तैयार है। उनके इस बयान के बाद कयास लगाए जाने लगे हैं कि राज्य में खंडित जनादेश आ सकता है। उनके इस बयान को जेडीएस से गठबंधन के संकेत के रूप में भी देखा जा रहा है।
224 में से 222 सीटों पर हुआ था मतदान
224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा की 222 सीटों पर 12 मई को मतदान हुआ था। यहां आरआर नगर सीट पर चुनावी गड़बड़ी की शिकायत के चलते चुनाव आयोग ने मतदान स्थगित कर दिया गया था। वहीं जयनगर सीट पर भाजपा उम्मीदवार के निधन के चलते मतदान टाल दिया गया था। इस बार मतदान प्रतिशत 70.13 फीसद रहा था। अगर कांग्रेस के पक्ष में स्पष्ट जनादेश जाता है तो 1985 के बाद यह पहली बार होगा जब कोई दल लगातार दूसरी बार सरकार बनाएगा। 1985 में तत्कालीन जनता दल ने रामकृष्ण हेगड़े के नेतृत्व में लगातार दूसरी बार सरकार बनाई थी। ऐसा नहीं होने पर भाजपा दक्षिण भारत के किसी भी राज्य में दूसरी बार सत्ता में वापसी करने में सफल होगी।
224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा की 222 सीटों पर 12 मई को मतदान हुआ था। यहां आरआर नगर सीट पर चुनावी गड़बड़ी की शिकायत के चलते चुनाव आयोग ने मतदान स्थगित कर दिया गया था। वहीं जयनगर सीट पर भाजपा उम्मीदवार के निधन के चलते मतदान टाल दिया गया था। इस बार मतदान प्रतिशत 70.13 फीसद रहा था। अगर कांग्रेस के पक्ष में स्पष्ट जनादेश जाता है तो 1985 के बाद यह पहली बार होगा जब कोई दल लगातार दूसरी बार सरकार बनाएगा। 1985 में तत्कालीन जनता दल ने रामकृष्ण हेगड़े के नेतृत्व में लगातार दूसरी बार सरकार बनाई थी। ऐसा नहीं होने पर भाजपा दक्षिण भारत के किसी भी राज्य में दूसरी बार सत्ता में वापसी करने में सफल होगी।