न्याय मिलने तक जारी रहेगा धरना
यशवंत सिन्हा के साथ बीजेपी और राज्यपाल के खिलाफ इस धरने में उन्हें अन्य पार्टियों का भी समर्थन मिला है। सिन्हा के साथ आम आदमी पार्टी , आरजेडी और समाजवादी पार्टी के नेता भी धरने पर बैठे हैं। सिन्हा ने कहा कि यह धरना उस समय तक जारी रहेगा जबतक कर्नाटक की जनता को न्याय नहीं मिल जाता। उन्होंने आगे कहा कि अब बीजेपी जहां कहीं भी अल्पमत में होगी, तो कहेगी उसे बहुमत मिल गया है। जहां सरकार बनाने के लिए 112 सीटें होनी चाहिए वहां 104 सीट का मतलब बहुमत नहीं होता है।
यशवंत सिन्हा के साथ बीजेपी और राज्यपाल के खिलाफ इस धरने में उन्हें अन्य पार्टियों का भी समर्थन मिला है। सिन्हा के साथ आम आदमी पार्टी , आरजेडी और समाजवादी पार्टी के नेता भी धरने पर बैठे हैं। सिन्हा ने कहा कि यह धरना उस समय तक जारी रहेगा जबतक कर्नाटक की जनता को न्याय नहीं मिल जाता। उन्होंने आगे कहा कि अब बीजेपी जहां कहीं भी अल्पमत में होगी, तो कहेगी उसे बहुमत मिल गया है। जहां सरकार बनाने के लिए 112 सीटें होनी चाहिए वहां 104 सीट का मतलब बहुमत नहीं होता है।
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ये लोकसभा चुनावों की तैयारीयशवंत सिन्हा ने कहा कि मुझे खुशी है कि मैंने उस पार्टी का साथ छोड़ दिया, जो कर्नाटक में लोकतंत्र को नष्ट करने का बेशर्मी भरा प्रयास कर रही है। यदि वह अगले साल लोकसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने में विफल रहने पर भी ऐसा ही करेगी। कृपया मेरी चेतावनी पर ध्यान दें। सिन्हा यहीं नहीं रुके, कर्नाटक में हो रहे राजनीतिक घटनाक्रमों को उन्होंने लोकसभा चुनावों का अभ्यास करार दिया। पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘कर्नाटक में आज जो हो रहा है वह एक अभ्यास है, जिसे 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद दिल्ली में दोहराया जाएगा।’
बीजेपी छोड़ चुके हैं सिन्हा
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की तीखी आलोचना करने वाले सिन्हा ने पिछले बीजेपी को अलविदा कह दिया था। 1990 में चंद्रशेखर की सरकार में देश के वित्त मंत्री रह चुके हैं। पिछले महीने पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में सिन्हा ने बीजेपी से सभी तरह के संबंधों को खत्म करने की घोषणा की थी। इसके साथ ही उन्होंने सक्रिय राजनीति से भी संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की तीखी आलोचना करने वाले सिन्हा ने पिछले बीजेपी को अलविदा कह दिया था। 1990 में चंद्रशेखर की सरकार में देश के वित्त मंत्री रह चुके हैं। पिछले महीने पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में सिन्हा ने बीजेपी से सभी तरह के संबंधों को खत्म करने की घोषणा की थी। इसके साथ ही उन्होंने सक्रिय राजनीति से भी संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी।