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येदियुरप्पा का गढ़ रहा है शिकारीपुरा गौरतलब है कि येदियुरप्पा ने 1983 में इस सीट से पहली बार चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने 1985 उप-चुनाव, विधानसभा चुनाव 1989, 1994, 2004, 2008 और 2013 में जीत हासिल की। वह यहां से आठ बार चुनाव लड़ चुके हैं और सिर्फ एक बार हारे हैं। हालांकि साल 2013 में वह कर्नाटक जनपक्ष से उम्मीदवार थे, जो पार्टी उन्होंने भाजपा से अलग होकर बनाया था। तब बीजेपी कैंडिडेट एस.एच. मंजुनाथ थे, जिन्हें महज 2383 वोट हासिल हुए थे। यह भी पढ़ें
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भाजपा में खुशी की लहर वहीं, अब तक के रुझानों से कर्नाटक में भाजपा की सरकर बनते हुए साफ दिखाई दे रही है। जैसे-जैसे परिणाम सामने आ रहे हैं, भाजपा खेमे में खुशी की लहर है। पार्टी कार्यालय से लेकर सड़कों पर पार्टी के नेताऔर कार्यकर्ता जश्न मनाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
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बहुमत से पीछे भाजपा वहीं, अब तक के रुझानों में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलते हुए नहीं दिखाई दे रहा है। इसी बीच कांग्रेस ने जेडीएस सुप्रीमो एच.डी. देवगौड़ा से बात की है। कयास लगाया जा रहा है कि सरकार बनाने के लिए गठबंधन पर चर्चा हो रही है। शाम को होगी संसदीय बोर्ड की बैठक वहीं, आज शाम दिल्ली में भाजपा की संसदीय बोर्ड की बैठक भी बुलाई गई है। कयास लगाया जा रहा है कि इस बैठक में सीएम का नाम फाइनल हो जाएगा। हालांकि, यह महज औपचारिकता ही होगी क्योंकि बीएस येदियुरप्पा का नाम मुख्यमंत्री के लिए पहले ही फाइनल हो चुका है।