इससे पहले इस सीट का प्रतिनिधित्व पिछले पांच दशकों से केरल कांग्रेस (एम) के संस्थापक व प्रमुख दिवंगत के. एम. मणि कर रहे थे। मणि ने पाला से सबसे लंबे समय तक विधायक रहने का रिकॉर्ड भी कायम किया। मणि ने कप्पेन को 2006, 2011 और 2016 के विधानसभा चुनाव में हराया था।
चंद्रयान-2 रोवर प्रज्ञान को लेकर आ गई बड़ी खबर, लैंडर विक्रम के साथ इस जगह पर है रोवर कप्पेन की इस जीत के साथ 140 सदस्यीय विधानसभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की संख्या तीन हो गई है। जबकि सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के फिलहाल 91 विधायक हैं।
इस दौरान कप्पेन ने तमाम अटकलों को खारिज करते हुए कहा, “मैं मंत्री पद की दौड़ में नहीं हूं और हमारी पार्टी के मौजूदा मंत्री पद पर बने रहेंगे।” कप्पेन की जीत कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के लिए एक झटका है, क्योंकि हाल के लोकसभा चुनाव में यूडीएफ उम्मीदवार ने इस विधानसभा क्षेत्र से 33,000 से अधिक वोटों की बढ़त हासिल की थी।
इस जीत ने राज्य के पांच विधानसभा क्षेत्रों में 21 अक्टूबर को होने वाले उप-चुनाव के मद्देनजर एलडीएफ का मनोबल बढ़ाया है।