तिरुवनंतपुरम। सोलर घोटाले में मुख्यमंत्री ओमान चांडी को हाईकोर्ट ने राहत दी है। हाईकोर्ट ने उन पर एफआईआर करने के आदेश पर 2 महीने के लिए रोक लगा दी है, साथ ही लोअर कोर्ट को पुख्ता सबूतों के बिना कार्रवाई का आदेश देने पर फटकार भी लगाई। उधर, सीपीआईएम और बीजेपी वर्करों ने प्रदर्शन कर सीएम के इस्तीफे की मांग की। मुख्यमंत्री पर घोटाले में 7 करोड़ की घूस लेने का आरोप है। बता दें कि उनके खिलाफ त्रिशूर कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। सोलर स्कैम पर मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने कहा है कि, “विपक्ष घोटाले में सरकार को घसीटकर केरल की इमेज खराब करना चाहता है। घोटाले को लेकर मुझ पर लगाए गए आरोप राजनीतिक हैं। इसके पीछे शराब माफियाओं का हाथ है। हमारी सरकार ने कड़ा फैसला लेते हुए कई शराब बॉर बंद कराए। बॉर मालिक कोर्ट में लड़ाई हार चुके हैं, जो अब नए आरोप लगा रहे हैं।” 14 घंटे तक चली थी पूछताछ- सोलर पैनल घोटाले में ओमान चांडी से जांच आयोग ने 14 घंटे तक पूछताछ की। बुधवार को वह गवाह के तौर पर पेश हुए थे। चांडी ने कहा कि, “उनके पॉलिग्राफ टेस्ट की जरूरत नहीं है, उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया और सभी आरोप राजनीतिक हैं।” क्या है सोलर घोटाला? 2013 में सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट से जुड़ी एक प्राइवेट कंपनी की आर्थिक गड़बड़ियों का खुलासा हुआ। इस घोटाले में कंपनी डायरेक्टर बीजू राधाकृष्णन और उसकी पार्टनर एस. सरिता नायर मुख्य आरोपी हैं। घोटाले में तीसरी आरोपी एक लेडी डांसर-एक्ट्रेस शालू मेनन है। जिसे सरिता का करीबी बताया जाता है। इन सभी के खिलाफ राज्यभर से मिली शिकायतों के आधार पर 40 से ज्यादा धोखाधड़ी के केस दर्ज हैं। फर्जी कंपनियों के जरिए सोलर प्रोजेक्ट के नाम पर केरल और तमिलनाडु में हजारों लोगों को ठगा गया। मुख्य आरोपी ने किया वीडियो होने का दावा- सोलर स्कैम के मुख्य आरोपी बीजू राधाकृष्णन ने स्कैम की जांच कर रहे जस्टिस जी. शिवराजन आयोग के सामने दावा किया कि उसके पास सीएम से जुड़ा वीडियो है। बीजू की बिजनेस पार्टनर सरिता ने कहा था, चांडी मेरे लिए पिता जैसे हैं। बीजू के आरोप पूरी तरह से गलत हैं। अगर वीडियो क्लिप है तो उसे जारी करें।”