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हरियाणा में ‘किंगमेकर’ की भूमिका में दुष्यंत चौटाला, साल भर पहले परिवार में हुआ था घोर अपमान

locationनई दिल्लीPublished: Oct 24, 2019 12:30:15 pm

Submitted by:

Kapil Tiwari

दुष्यंत चौटाला ने 9 दिसंबर 2018 को जननायक जनता पार्टी की स्थापना की थी।

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नई दिल्ली। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के नतीजों ने वाकई सभी को हैरान कर दिया है। मतगणना को करीब 4 घंटे हो चुके हैं और हरियाणा की तस्वीर लगातार बदल रही है। कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। हरियाणा में सरकार किस पार्टी की होगी ये तो आने वाले कुछ घंटे ही बताएंगे, लेकिन इतना तय है कि जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के सहयोग के बिना कांग्रेस और बीजेपी के लिए सरकारा बनान बहुत मुश्किल होगा। ऐसे में जेजेपी के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला ‘किंगमेकर’ की भूमिका में आ गए हैं।

कौन हैं दुष्यंत चौटाला

– जननायक जनता पार्टी पिछले साल इंडियन नेशनल लोकदल से अलग होकर एक नई पार्टी बनी थी। पार्टी के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला हैं, जो पूर्व सांसद और ताऊ कहे जाने वाले देवीलाल के परपोते हैं। जेजेपी के गठन को राज्य में एक साल पूरा भी नहीं हुआ है और पार्टी ने किंगमेकर बनकर अपनी अहमियत को साबित कर दिया है। जेजेपी की स्थापना नौ दिसंबर 2018 को हुई थी।

– हरियाणा में दुष्यंत और उनके भाई दिग्विजय चौटाला अपने पिता अजय सिंह चौटाला की राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं। नवंबर 2018 में दुष्यंत और दिग्विजय को आईएनएलडी से निकाल दिया गया था। दरअसल, अजय चौटाला चाहते थे कि उनके बेटे और हिसार से सांसद दुष्यंत को सीएम उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाए, जबकि अभय चौटाला इस पर बिल्कुल तैयार नहीं थे। इसलिए दुष्यंत को किनारे कर दिया गया था। इस अपमान से आहत होकर उन्होंने अलग पार्टी बनाने का ऐलान किया।

 

– दुष्यंत चौटाला 2014 के लोकसभा चुनाव में सबसे युवा सांसद थे। 2014 में वो जब सांसद बने तो उनकी उम्र मात्र 25 वर्ष 11 माह और 15 दिन थी, लेकिन 2019 का चुनाव वो मोदी लहर में हार गए। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी। हरियाणा के युवाओं के बीच दुष्यंत की अच्छी खासी पकड़ है। वह खुद को ताऊ देवीलाल की राजनीतिक विरासत का सबसे बड़ा दावेदार बताते हैं। देवीलाल जानेमाने किसान नेता और उप प्रधानमंत्री थे।

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