आपातकाल के बाद भी चुनाव में निकाल ली थी अपनी सीट
अहमद पटेल का का जन्म गुजरात के भरूच जिले में हुआ था। इलाके के लोग उन्हें बाबूभाई के नाम से बुलाते थे। 1970 के आसपास गुजरात के वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश जी महेडा और माधव सिंह सोलंकी की नजर अहमद पटेल पर पड़ी। उस वक्त पटेल युवा कांग्रेस से जुड़े थे। उसी दौरान इनको युवा माइनॉरिटी लीडर के रूप में उभारा गया। आपातकाल के दौरान पूरे देश में ऐसा माहौल था कि जो भी कांग्रेस से चुनाव लड़ेगा वो हार जाएगा। इस दौरान कांग्रेस की ओर से अहमद पटेल भी मैदान में उतरे। जिस चुनाव में इंदिया जैसी बड़ी राजनेता चुनाव हार गईं थी, उस दौरान अहमद पटेल ने अपनी सीट निकाल ली थी। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सत्ता और कांग्रेस की कमान राजीव गांधी के पास आ गई थी। उस वक्त तीन लोगों को राजीव गांधी का करीबी माना जाता था। उनमें अहमद पटेल, अरुण सिंह और ऑस्कर फर्नांडिस शामिल थे। फिर राजीव गांधी की हत्या के बाद अहमद सोनिया के करीबी बन गए। ऐसा कहा जाता कि जब भी सोनिया ये कहती हैं कि मैं विचार विमर्श करके बताऊंगी तब ये माना जाता है कि वे उस विषय पर पटेल की ही सलाह लेती हैं।
अहमद पटेल का का जन्म गुजरात के भरूच जिले में हुआ था। इलाके के लोग उन्हें बाबूभाई के नाम से बुलाते थे। 1970 के आसपास गुजरात के वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश जी महेडा और माधव सिंह सोलंकी की नजर अहमद पटेल पर पड़ी। उस वक्त पटेल युवा कांग्रेस से जुड़े थे। उसी दौरान इनको युवा माइनॉरिटी लीडर के रूप में उभारा गया। आपातकाल के दौरान पूरे देश में ऐसा माहौल था कि जो भी कांग्रेस से चुनाव लड़ेगा वो हार जाएगा। इस दौरान कांग्रेस की ओर से अहमद पटेल भी मैदान में उतरे। जिस चुनाव में इंदिया जैसी बड़ी राजनेता चुनाव हार गईं थी, उस दौरान अहमद पटेल ने अपनी सीट निकाल ली थी। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सत्ता और कांग्रेस की कमान राजीव गांधी के पास आ गई थी। उस वक्त तीन लोगों को राजीव गांधी का करीबी माना जाता था। उनमें अहमद पटेल, अरुण सिंह और ऑस्कर फर्नांडिस शामिल थे। फिर राजीव गांधी की हत्या के बाद अहमद सोनिया के करीबी बन गए। ऐसा कहा जाता कि जब भी सोनिया ये कहती हैं कि मैं विचार विमर्श करके बताऊंगी तब ये माना जाता है कि वे उस विषय पर पटेल की ही सलाह लेती हैं।
बलवंत के राजनीतिक जीवन में अहम भूमिका
मौजूदा समय में गुजरात राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार बलवंत सिंह राजपूत और पटेल में काफी अच्छे संबंध थे। जानकारों के मुताबिक बलवंत को इस मुकाम तक पहुंचाने के पीछे अहमद पटेल का ही हाथ था। पटेल ने समय-समय पर बलवंत और उनके परिवार की मदद भी की थी। बलवंत कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं।
मौजूदा समय में गुजरात राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार बलवंत सिंह राजपूत और पटेल में काफी अच्छे संबंध थे। जानकारों के मुताबिक बलवंत को इस मुकाम तक पहुंचाने के पीछे अहमद पटेल का ही हाथ था। पटेल ने समय-समय पर बलवंत और उनके परिवार की मदद भी की थी। बलवंत कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं।