EC ने CM योगी आदित्यनाथ को ‘बाबर की औलाद’ पर थमाया नोटिस, रेणुका चौधरी ने दी इस बात की नसीहत विगत 71 वर्षों के इतिहास में पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी और 1984 में सहानुभूति लहर के दम पर पीएम बने राजीव गांधी भी 50 फीसदी मतदाताओं का समर्थन हासिल करने में सफल नहीं हुए। 1984 में भी 49.10 फीसदी मतदाताओं ने ही कांग्रेस का साथ दिया जो अब तक किसी पार्टी को मिले वोटों का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।
21 दिन बाद रिलीज होगी बायोपिक फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ बता दें कि अभी तक 16 बार आम चुनावों के जरिए सरकार का गठन हो चुका है। इन चुनावों से तीन बातें स्पष्ट हैं। पहली बात ये कि भारत में किसी भी पार्टी के लिए 50 फीसदी मतदाताओं का समर्थन हासिल करना लगभग असंभव है। दूसरी बात राजनीतिक दलों को जातिगत, धार्मिक व अन्य सियासी समीकरणों के हिसाब से चुनाव लड़ते हैं। तीसरी बात सिर्फ 20 फीसदी वोट के दम पर भी कोई नेता देश का पीएम बन सकता है।
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पीएम नरसिम्हा राव सरकार द्वारा 1991 से 1996 तक का कार्यकाल कुशलतापूर्वक पूरा करने के बाद 1996 के मई में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा चुनावी जीत हासिल करने में सफल हुई। हालांकि पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला लेकिन पार्टी लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई। इस चुनाव में 20.29 फीसदी मतदाताओं ने भाजपा का साथ दिया। कुल 543 लोकसभा सीटों में से 161 सीटों पर भाजपा प्रत्यशियों को चुनाव आयोग ने विजेता घोषित किया। गौर करने वाली बात है कि 1996 में कांग्रेस को 28.80 फीसदी मतदाताओं का साथ मिला लेकिन उसके उम्मीदवार 140 सीटों पर ही जीत दर्ज करने में सफल हुए।
पीएम नरसिम्हा राव सरकार द्वारा 1991 से 1996 तक का कार्यकाल कुशलतापूर्वक पूरा करने के बाद 1996 के मई में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा चुनावी जीत हासिल करने में सफल हुई। हालांकि पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला लेकिन पार्टी लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई। इस चुनाव में 20.29 फीसदी मतदाताओं ने भाजपा का साथ दिया। कुल 543 लोकसभा सीटों में से 161 सीटों पर भाजपा प्रत्यशियों को चुनाव आयोग ने विजेता घोषित किया। गौर करने वाली बात है कि 1996 में कांग्रेस को 28.80 फीसदी मतदाताओं का साथ मिला लेकिन उसके उम्मीदवार 140 सीटों पर ही जीत दर्ज करने में सफल हुए।
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सबसे बड़ी संसदीय पार्टी के रूप में उभरने के कारण तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने अटल बिहारी वाजपेयी को सरकार बनाने और बहुमत साबित करने का अवसर दिया। सरकार बनाने का आमंत्रण मिलने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी देश के 10वें प्रधानमंत्री बने। 13 दिनों में बहुमत साबित करने में असफल रहे और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इन 13 दिनों के सियासी उठापटक दौरान उन्होंने भविष्य के प्रधानमंत्री के रूप में अपनी दावेदारी मजबूत कर ली।
सबसे बड़ी संसदीय पार्टी के रूप में उभरने के कारण तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने अटल बिहारी वाजपेयी को सरकार बनाने और बहुमत साबित करने का अवसर दिया। सरकार बनाने का आमंत्रण मिलने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी देश के 10वें प्रधानमंत्री बने। 13 दिनों में बहुमत साबित करने में असफल रहे और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इन 13 दिनों के सियासी उठापटक दौरान उन्होंने भविष्य के प्रधानमंत्री के रूप में अपनी दावेदारी मजबूत कर ली।
लोकसभा चुनाव: ऐन मौके पर विपक्षी एकता में ये कैसा टकराव! भाजपा के चुनावी इतिहास से जुड़ी अहम बातें 1. भाजपा को पहली बार 10 फीसदी से ज्यादा वोट 1989 में मिला।
2. 1991 में पहली बार भाजपा को 20 फीसदी से ज्यादा मतदाताओं का साथ मिला।
3. 19 साल बाद 2009 में भाजपा के वोटों का ग्राफ गिरकर 20 फीसदी से कम हुआ।
4. 2014 में भाजपा को 31 फीसदी से ज्यादा मतदाताओं का साथ मिला और पहली बार अपने दम पर केंद्र में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने में पार्टी को सफलता मिली।
5. 1984 में भारतीय जनता पार्टी को मिला था केवल 7.40 फीसदी मतदाताओं का साथ।
2. 1991 में पहली बार भाजपा को 20 फीसदी से ज्यादा मतदाताओं का साथ मिला।
3. 19 साल बाद 2009 में भाजपा के वोटों का ग्राफ गिरकर 20 फीसदी से कम हुआ।
4. 2014 में भाजपा को 31 फीसदी से ज्यादा मतदाताओं का साथ मिला और पहली बार अपने दम पर केंद्र में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने में पार्टी को सफलता मिली।
5. 1984 में भारतीय जनता पार्टी को मिला था केवल 7.40 फीसदी मतदाताओं का साथ।
हिंदू संगठनों की याचिका स्वीकार, राहुल की नागरिकता पर सुप्रीम कोर्ट अगले सप्ताह करेगा सुनवाई भारतीय संसदीय व्यवस्था से जुड़ी महत्वपूर्ण बातेंः 1 1951 के पहले आम चुनाव से लेकर अभी तक किसी भी पार्टी व नेता को 50 फीसदी मतदाताओं का समर्थन नहीं मिला।
2 1951 से 1984 तक के आम चुनावों में जीत हासिल करने वाली पार्टी को 40 फीसदी से अधिक मतदाताओं का समर्थन मिला।
3. 1951 से 1971 तक लगातार 5 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने एकतरफा जीत हासिल की।
4. 1977 में जनता पार्टी 43.17 फीसदी मतदाताओं का समर्थन हासिल कर कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने में सफल हुई।
5. लोकसभा चुनाव 1980 में 42.69 फीसदी मतदाताओं का समर्थन हासिल कर इंदिरा गांधी ने धमाकेदार वापसी की।
6. 1984 में राजीव गांधी को मिला प्रचंड बहुमत। सहानुभूति लहर के बीच संपन्न चुनाव में 49.10 फीसदी मतदाताओं ने कांग्रेस का साथ दिया जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।
7. 1989 के आम चुनाव में नेशनल फ्रंट की सरकार बनी। पहली बार केंद्र में 40 फीसदी से कम मतदाताओं का समर्थन वाली सरकार बनी।
8. 1991 तक सरकार बनाने वाली पार्टी को 30 फीसदी से ज्यादा मतदाताओं का समर्थन मिला, लेकिन 1996 में घटकर 30 फीसदी से कम हो गया।
9. 1998 और 1999 के चुनाव में भाजपा तो 2004 और 2009 में यूपीए वन और टु की सरकार बनी। चारों बार सत्ताधारी पार्टी को 30 फीसदी से कम मतदाताओं का समर्थन मिला।
10. कांग्रेस का वोट शेयर 1951 में मिले 45 फीसदी से घटकर 2014 में 19.5 फीसदी हो गया।
2 1951 से 1984 तक के आम चुनावों में जीत हासिल करने वाली पार्टी को 40 फीसदी से अधिक मतदाताओं का समर्थन मिला।
3. 1951 से 1971 तक लगातार 5 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने एकतरफा जीत हासिल की।
4. 1977 में जनता पार्टी 43.17 फीसदी मतदाताओं का समर्थन हासिल कर कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने में सफल हुई।
5. लोकसभा चुनाव 1980 में 42.69 फीसदी मतदाताओं का समर्थन हासिल कर इंदिरा गांधी ने धमाकेदार वापसी की।
6. 1984 में राजीव गांधी को मिला प्रचंड बहुमत। सहानुभूति लहर के बीच संपन्न चुनाव में 49.10 फीसदी मतदाताओं ने कांग्रेस का साथ दिया जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।
7. 1989 के आम चुनाव में नेशनल फ्रंट की सरकार बनी। पहली बार केंद्र में 40 फीसदी से कम मतदाताओं का समर्थन वाली सरकार बनी।
8. 1991 तक सरकार बनाने वाली पार्टी को 30 फीसदी से ज्यादा मतदाताओं का समर्थन मिला, लेकिन 1996 में घटकर 30 फीसदी से कम हो गया।
9. 1998 और 1999 के चुनाव में भाजपा तो 2004 और 2009 में यूपीए वन और टु की सरकार बनी। चारों बार सत्ताधारी पार्टी को 30 फीसदी से कम मतदाताओं का समर्थन मिला।
10. कांग्रेस का वोट शेयर 1951 में मिले 45 फीसदी से घटकर 2014 में 19.5 फीसदी हो गया।
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