गुजरात विधानसभा चुनाव 2012 और लोकसभा चुनाव 2014 के आंकड़ों के मुताबिक लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा ने मुस्लिम बहुल 87 में से 45 सीटों पर जीत हासिल की थी। इनमें सबसे ज्यादा सीटें महाराष्ट्र और यूपी के मुस्लिम बहुल इलाकों से भाजपा को मिली। इसके अलावा भाजपा ने मुस्लिम प्रभाव वाले 47 ऐसी सीटों पर भी जीत हासिल की जहां हर पांचवां मतदाता मुसलमान है। इससे पहले 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव में भी भाजपा 12 मुस्लिम बहुल इलाकों में जीत हासिल करने में कामयाब रही थी। मुस्लिम बहुल इलाकों में अपनी पकड़ बनाने का पीएम मोदी का सिलसिला अभी रुका नहीं है बल्कि यह बदस्तूर जारी है।
फोरम फॉर मुस्लिम स्टडीज एंड एनालिसिस’ (एफएमएसए) के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि पीएम मोदी ने 2014 में किए अपने वादों के अनुरूप सबका साथ, सबका विकास के मुताबिक काम कर रहे हैं। वो मुसलमानों के लिए भी काम कर रहे हैं। भले ही अधिकांश लोग इस बात को तवज्जो नहीं दें पर सच यही है। उक्त अधिकारी का कहना है कि मोदी सरकार ने हज सब्सिडी को भले ही खत्म कर दिया लेकिन उस बजट को मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा पर खर्च करने का फैसला लिया है। इससे बेहतर और कोई काम नहीं हो सकता। अगर मुस्लिमों में लड़कियां शिक्षित होंगी तो पूरा परिवार भी अगली पीढ़ी में शिक्षित हो जाएगा। इससे आगामी वर्षो में बड़ा बदलाव आएगा। उनका यह कदम ऐतिहासिक है।
ये बात भी सही है कि तीन तलाक मुस्लिमों में एक कोढ़ की तरह है। भाजपा सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को इससे मुक्ति दिलाने के लिए तीन तलाक को खत्म कराया। बिना मेहरम के भी महिलाओं को हज यात्रा पर जाने के लिए अनुमति देने की घोषणा की। मुसलमानों को भाजपा से जोड़ने और भाजपा को मुसलमानों से जोड़ने के लिए भी कई अहम काम किए। देशभर में फैले अलग-अलग मसलक के उलेमाओं को एक मंच पर इकट्ठा कर उनके साथ अपने विचार साझा किए। मुस्लिमों के लिए आने वाली और चल रही योजनाओं के कियान्वयन पर जोर दिया ।
उर्दू में तैयार हो रही है पीएम की वेबसाइट
साल 2015 में विज्ञान भवन में इस्लामिक सूफी कांफ्रेंस के नाम से एक बड़ा कार्यक्रम किया गया। इस कार्यक्रम में देश ही नहीं विदेश से भी उलेमा आए । इतना ही नहीं पीएम की अधिकारिक बेवसाइट को उर्दू भाषा में भी बनाया जा रहा है। मुसलमानों से पार्टी की नजदीकियों को बढ़ाने के लिए खाड़ी देशों की यात्राएं की। अरब देशों की ओर से उन्हें कई सम्मान से नवाजा गया। अरब देशों के साथ कारेाबार और व्यापार को बढ़ा दिया। इतना ही नहीं मुस्लिमों देशों के साथ भारत के संबंध पहले से बेहतर हुए हैं।
2018 के शुरुआती महीनों में विज्ञान भवन में इस्लामिक विरासत पर मुसलमानों के साथ अपने विचार साझा किए। हाल ही में उन्होंने अजान के समय अपने भाषण को अजान होने तक दो मिनट के लिए रोक दिया गया। मुस्लिम जानकार भी मानते हैं कि मुसलमानों के बीच फैली कुछ गलतफहमियों को दूर करने का इससे बेहतर तरीको और क्या हो सकता है। उनके विकास के लिए और किस तरह की योजनाओं पर काम किया जा सकता ये विचार और सुझाव जानने के लिए पीएम मोदी समय-समय पर मुस्लिम बुद्धजीवियों से भी मुलाकात करते रहते हैं। अभी हाल ही में यूपी में पेश हुए बजट में भी मुसलमानों को खास तरजीह देते हुए सूफी सर्किट बनाने की घोषणा की गई। मदरसों को कंप्यूटर शिक्षा व मुख्यधारा की शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है। इससे मुस्लिम बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिलेगी।