भू-अधिग्रहण बिल पर गडकरी-दिग्विजय सिंह आमने-सामने
गडकरी ने दिग्विजय सिंह पर मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री रहते किसानों की जमीन अधिग्रहण करने का आरोप लगाया
नई दिल्ली। भूमि अधिग्रहण विधेयक के मुद्दे पर शुक्रवार को कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के बीच जमकर बहस हुई। एक टीवी चैनल में आमने-सामने की इस बहस में गडकरी ने कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के भू-अधिग्रहण विधेयक पर कई सवाल खड़े किए।
जब गडकरी ने दिग्विजय सिंह पर मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री रहते किसानों की जमीन अधिग्रहण करने का आरोप लगाया तो सिंह ने जवाब दिया कि यह अधिग्रहण नहरों, सिंचाई बांधों और किसानों के हित के लिए किया गया। जमीन का समुचित मुआवजा दिया गया और सबसे बड़ी बात कि किसानों की जमीन उनकी सहमति से ली गई।
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि मौजूदा केंद्र सरकार किसानों की जमीन लेकर पूंजीपतियों को बांटना चाहती है। संप्रग सरकार के कार्यकाल में लाए गए भूमि अधिग्रहण विधेयक में कई संशोधन किए, जो किसानों के हितों के खिलाफ है। मोदी सरकार किसान, गरीब विरोधी है। दिग्विजय सिंह के आरोपों को खारिज करते हुए गडकरी ने कहा कि सरकार देश की तरक्की के लिए भू-अधिग्रहण विधेयक में जरूरी संशोधन किए। इन संशोधनों के जरिए संप्रग काल के विधेयक की खामियों को दूर किया गया।
गडकरी ने कहाकि, किसानों को अधिक मुआवजा दिए जाने का प्रावधान किया गया। उद्योग लगाने, रोजगार सृजन के लिए जमीन की जरूरत होगी। गरीबों के आवास के लिए जमीन चाहिए। इसके लिए विधेयक में प्रावधान किए गए हैं। किसानों की सहमति की बात विधेयक से हटाने संबंधित मुद्दे पर गडकरी ने कहा कि रक्षा और देश हित से संबंधित मुद्दों पर यह प्रावधान किया गया है। किसान अधिग्रहण के खिलाफ कोर्ट जा सकते हैं। यह आरोप गलत है कि किसानों को कोर्ट में अपील करने का भी अधिकारी नहीं होगा। इसके लिए कुछ शर्ते तय की गई हैं।
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