उप राज्यपाल कार्यालय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पिछले तीन साल में 10 हजार फाइलें एलजी दफ्तर भेजी हैं। इनमें से 97 फीसदी को मंजूरी दी जा चुकी है। सिर्फ तीन फीसदी फाइलों ही रोकी गई हैं, वो भी इसलिए क्योंकि वो अधूरी और नियमों को खिलाफ थी। यही नहीं इन फाइलों को लौटाते हुए स्पष्टीकरण भी मांगा गया है।
अनिल बैजल के कार्यालय ने केजरीवाल सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा कि चुनी हुई सरकार अगर फाइलें नियमों के हिसाब से भेजते तो हम तुरंत मंजूरी देते। बयान में कहा गया कि निर्माण प्रकिया और तेज होती अगर आप सरकार नियमों का पालन करते हुए थोड़ी और मेहनत करती।
दिल्ली सरकार के एक-एक आरोप एलजी ऑफिस ने पलवार किया है। इसमें कहा गया है कि सरकार ने डीएसईएबी की फाइल 768 दिन में भेजा था लेकिन एलजी की ओर से उसे सिर्फ 18 दिन में मंजूरी दी गई है। सरकार ने आउटकम में इस बात का जिक्र क्यों नहीं किया। बता दें कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को एलजी ऑफिस के तीन का साल का रिपोर्ड कार्ड पेश किया है। जिसमें बताया था कि आप सरकार की परियोजनाओं पर एलजी की ओर से क्रियानवयन में अवरोध पैदा किए जा रहे हैं।