लोक जनशक्ति पार्टी में चिराग और पशुपति गुट के बीच विवाद को लेकर चुनाव आयोग ने लोजपा का चुनाव चिह्न को जब्त कर लिया है। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को अंतरिम उपाय के रूप में, उनके समूहों के नाम और प्रतीक को चुनने के लिए कहा है।
LJP party symbol freeze by election commission of india
नई दिल्ली। लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद से पार्टी में दो गुट नजर आ रहे हैं। एक गुट रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान के पक्ष में है तो वहीं दूसरा गुट पशुपति पारस का समर्थन कर रहा है। पार्टी में चल रहे इसी विवाद को लेकर अब चुनाव आयोग ने सख्त कदम उठाया है। दरअसल, चुनाव आयोग ने लोजपा में गुटों के विवाद सुलझने तक के लिए पार्टी के चुनाव चिह्न को जब्त कर लिया है।
लोजपा को नहीं प्रतीक चिन्ह इस्तेमाल करने की इजाज़त इस संबंध में एक आदेश जारी करते हुए जब तक आयोग इस बारे में पार्टी द्वारा दी गई जानकारी से संतुष्ट नहीं हो जाता, तब तक पार्टी का चुनाव चिह्न जब्त रहेगा। बिहार में विधानसभा की दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले इसे लोजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा लगाई गई इस पाबंदी के बाद से पार्टी को चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होगी।
यह भी पढ़ें: बिहार में बाढ़ से निपटने के लिए तेजस्वी ने सीएम नीतीश कुमार को लिखा पत्र इसके साथ ही चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को अंतरिम उपाय के रूप में, उनके समूहों के नाम और प्रतीक को चुनने के लिए कहा है। गौरतलब है कि इससे पहले लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर दावा किया था कि पार्टी का चुनाव चिन्ह ‘बंगला’ है।