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2019 से पहले NDA में सीट बंटवारे पर कलेश, RLSP और LJP ने मांगी 2014 जितनी सीटें

Published: Nov 09, 2018 04:39:11 pm

Submitted by:

Shweta Singh

बिहार में सीट वितरण का फॉर्मूला सामने आने के बाद हालात और बिगड़ गए हैं।

LJP, RLSP demand same number of seat as in 2014 for upcoming Lok Sabha

2019 से पहले NDA में सीट बंटवारे पर कलेश, RLSP और LJP ने मांगी 2014 जितनी सीटें

पटना। लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर हर पार्टियां तैयारी में जुट गई हैं। भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और कांग्रेस की अगुवाई वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के घटक दल अपनी-अपनी स्थिति मजबूत करने में लग गए हैं। सभी दल अपने लिए ज्यादा से ज्यादा सीटें लेने की कोशिश में हैं।

इन सबके बीच सीटों की सबसे ज्यादा मारा-माारी बिहार में है। जहां नीतीश की अगुवाई वाली जदयू और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा के बीच संघर्ष चरम पर है। दोनों पार्टियां आए दिन एक दूसरे पर निशाना साध रही हैं। बिहार में सीट वितरण का फॉर्मूला सामने आने के बाद हालात और बिगड़ गए हैं। अब रालोसपा के अलावा रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी ने नया बयान दिया है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि वह 2014 में जिनती सीटों पर चुनाव लड़ी थी उससे कम सीटों पर नहीं मानेगी।

फॉर्मू्ले को पारस ने किया खारिज

हाल ही ऐसी खबरें चली थीं कि बिहार की कुल 40 लोकसभा सीटों में से भाजपा और जदयू 34 सीटों (17-17) पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। वहीं, बाकी बची 6 सीटों में चार पर लोक जनशक्ति पार्टी और दो पर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। ऐसा बताया जा रहा था कि भाजपाध्यक्ष अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री व जदयू प्रमुख नीतीश कुमार के कहने पर रालोसपा और लोजपा इस फॉर्मूले से सहमत हैं। लोजपा के प्रदेशाध्यक्ष और राज्यमंत्री पशुुपतिनाथ पारस ने कहा है, सीट बंटवारे पर अब तक अंतिम फैसला नहीं हुआ है। जब तक राजग की चारों साझेदार पार्टियां- भाजपा, जदयू, लोजपा और रालोसपा साथ बैठकर चर्चा नहीं करतीं, इसे फाइनल नहीं माना जाएगा। मीडिया में सीट बंटवारे पर जो अटकलें लगाईं जा रहीं हैं, हवा-हवाई हैं।

पिछली बार लोजपा ने लड़ी थी सात सीटें

एक सवाल के जवाब में पारस ने कहा, लोजपा कम से कम सात सीटों से चुनाव लड़ना चाहती है। पिछली बार हमने जिन सात सीटों से चुनाव लड़ा था उनमें से छह सीटों पर जीते थे। जिस सीट पर हारे वहां, हार का अंतर कम था। पिछले लोकसभा चुनाव से हमारा ग्राफ नीचे नहीं गया है। ऐसे में सीटों के बंटवारे में उचित हिस्सा मिलना चाहिए।

2014 के चुनाव में ऐसा रहा था परिणाम

लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा ने बिहार के 22 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोजपा ने सात सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से उन्हें छह पर जीत मिली थी। कुशवाहा की अगुवाई वाली रालोसपा तीन सीटों पर चुनाव लड़ी थी और तीनों जीती थी।

50-50 का फॉर्मूला है, सीट तय नहीं

पासवान के छोटे भाई पारस ने कहा, 50-50 का फॉर्मूला आया है। इसका मतलब यह नहीं है कि सीटें तय हुई हैं। इसका मतलब यह भी हो सकता है कि भाजपा और जदयू 10-10 सीटों पर लड़ेगी और बाकी सीटें सहयोगी पार्टियों को दी जाएंगी।

कुशवाहा तीन से कम सीट पर राजी नहीं

रालोसपा ने कहा, उनकी पार्टी कम से कम तीन सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव माधव आनंद ने कहा, तीन से कम सीट पर सहमति का सवाल ही नहीं है। इस बीच, उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा कुशवाहा को कथित तौर पर नीच कहे जाने को लेकर नाराजगी जताते हुए इस पर भाजपा प्रमुख अमित शाह को पत्र लिखने की बात कही है।

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