महागठबंधन को 2019 मे मात देने के लिए भाजपा ने दो फार्मूले पर काम करना शुरू कर दिया है। इनमें एक चार साल के दौरान किए गए विकास व जनहितैषी कार्यों को लोगों के सामने सरकार की उपलब्धि के रूप में रखना है। दूसरी बात ये है कि केंद्र की सत्ता पर दोबारा काबिज होने के लिए पार्टी एक बार फिर ब्रांड मोदी के भरोसे चुनावी समर में उतरेगी। यही कारण है कि पीएम मोदी राज्यों का दौरा लगातार कर रहे हैं और जहां भी जाते हैं वहां पर महत्वाकांक्षी परियोजनाओं परअ अमल की घोषणा करते हैं। पार्टी के नेताओं के बखूबी पता है कि महागठबंधन सही मायने में उभरकर सामने आता है तो लगातार दूसरी बार चुनावी जीत हासिल करना पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।
जानकारी के मुताबिक कैराना में हुई हार के बाद पार्टी 2019 से पहले संभावित महागठबंधन के खिलाफ रणनीति बनाने को लेकर चिंतित है। अमित शाह ने यूपी सहित सभी राज्यों के दौरे में संयुक्त विपक्ष की संभावनाओं को देखते हुए पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को पूरी गंभीरता से तैयारी में अभी से जुट जाने को कहते हैं। इस बात का संकेत पीएम मोदी द्वारा मगहर जाकर संत कबीर को श्रद्धांजलि देने से मिल चुका है। पीएम मोदी का यूपी दौरा भी इस ओर इशारा करता है। मोदी ने मगहर में कबीर को मानने वालों को एक बड़ा राजनीतिक संदेश देते विकास को लेकर अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता की वकालत की थी। साथ ही पीएम मोदी के शनिवार और रविवार के यूपी दौरे के दौरान भाषणों से भी स्पष्ट हो गया है कि भाजपा 2019 के चुनाव अभियान में विकास के एजेंडे पर फोकस करेगी। पीएम मोदी ही सामने रखकर चुनाव लड़ेगी।
हाल ही में मुस्लिम समुदाय के स्कॉलर्स के साथ राहुल गांधी की दो दिनों तक विभिन्न मुद्दों पर गुप्ता चर्चा हुई थी। इसका लाभ भाजपा ने अपने पक्ष में जमकर उठाया है। इस मुलाकात की आड़ में भाजपा ने कांग्रेस पर मुस्लिमों के तुष्टिकरण का आरोप लगाया। इसके साथ ही मुस्लिम समुदाय में एक लकीर खींच दी। इससे पार्टी को उम्मीद है कि तीन तलाक और निकाह हलाला पर भाजपा के रुख को देखते हुए मुस्लिम महिलाओं का एक तबका भाजपा का समर्थन करेगा।