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शनिवार को थम गया चौथे चरण का चुनाव प्रचार, अगले चरणों में कड़ा मुकाबला

locationनई दिल्लीPublished: Apr 27, 2019 05:09:56 pm

Submitted by:

Manoj Sharma

अंतिम तीन चरणों में कुल 169 सीटों पर होगा मतदान
2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली थी जीत
भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती सफलता दोहराना

Modi and Rahul Gandhi

शनिवार को थम जाएगा चौथे चरण का चुनाव प्रचार, अगले चरणों में कड़ा मुकाबला

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव ( Lok Sabha Elections 2019 ) के चौथे चरण के लिए चुनाव प्रचार का शोर आज शाम 5 बजे थम गया। कुल 7 में से 4 चरण का मतदान होने के बाद जो आखिरी तीन चरण शेष बचते हैं, उनमें 169 सीटों के लिए मतदान होगा। ये सीटें हिंदी बेल्ट में हैं, तो स्पष्ट है कि राजनीतिक दलों की रणनीति में भी कुछ बदलाव नजर आ सकता है।

चौथे चरण का चुनाव प्रचार खत्म हो गया

शनिवार को 71 सीटों पर चुनाव प्रचार खत्म हो गया । क्योंकि 29 अप्रैल को इन सीटों पर मतदान होगा। पहले चार चरणों में कुल 372 सीटों पर मतदान होने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच मुकाबला और कड़ा रूप अखि्तयार कर लेगा, क्योंकि शेष बची 169 सीटों में से अधिकांश पर 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा जीती थी।

अगले चरणों में दिखेगा भाजपा और कांग्रेस में कड़ा मुकाबला

हिंदी भाषी बेल्ट में पड़ने वाली ये सभी सीटें इस वजह से बेहद अहम साबित हो सकती हैं। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, दिल्ली और हिमाचर प्रदेश जैसे राज्यों में भाजपा ने विपक्षी दलों को करीब-करीब साफ ही कर दिया था। लेकिन अंतिम तीन चरणों में भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती इन राज्यों में 2014 में मिली विशाल सफलता को दोहराने की है।

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तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव जीत कांग्रेस उत्साहित

उधर, कांग्रेस भी अंतिम तीन चरणों को लेकर खासी उत्साहित है। राजस्थान में उसने भाजपा की वसुंधरा राजे सरकार से सत्ता छीन ली थी। अब उसे उम्मीद है कि हिंदी भाषी इलाकों में वह राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों की सफलता को दोहरा सकती है। यही वजह है कि अगले तीन चरणों में कांग्रेस राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की चुनावी रैलियों की संख्या बढ़ा सकती है। भाजपा हिंदी बेल्ट को अपना गढ़ मानती आई है, इसलिए यहां से दोबारा जीतने के लिए वह भी अपना पूरा जोर लगा देगी। इसलिए संभव है कि नरेंद्र मोदी और भाजपा के अन्य स्टार प्रचारकों की चुनावी रैलियां इन राज्यों में अचानक बहुत बढ़ जाए।

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