‘पीएम मोदी की मजबूत बुनियाद ही हमारी ताकत’ निषाद ने कहा, ‘अगर किसी योजना से हजारों लोगों का भला होता है तो मैं उसे पूरा करने में यकीन रखता हूं न कि उस योजना के प्रचार पर करोड़ों रुपए खर्च कर वाहवाही लुटने में। मोदी सरकार की प्राथमिकता काम को तय समय में किसी भी स्थिति में पूरा करना है। निषाद ने कहा कि हमने जो पांच साल में काम किया है उसके सामने महागठबंधन कहीं नहीं टिकता। उन्होंने माना कि देश में जात-पात की राजनीति अभी भी हावी है लेकिन इतना भी नहीं कि लोग काम को नहीं समझे।
नजरों में गुप्ता, निशाने पर केजरीवालः आप से इस्तीफों की झड़ी पर कुमार विश्वास ने कसा तंज ‘क्षेत्र से बाहर वालों के लिए भी खुले हैं दरवाजे’ उन्होंने कहा कि मदद करने के मामले में वे सिर्फ अपने निर्वाचन क्षेत्र के बाहर से आने वाले लोगों की भी पूरी मदद करते हैं। गौरतलब है कि निषाद चिकित्सकीय मदद के चलते भी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय रहते हैं। एम्स जैसे बड़े अस्पतालों में इलाज से लेकर, रेल टिकट जैसे कामों के लिए भी वे हरसंभव मदद की कोशिश करते हैं। हालांकि एक निषाद ने यह भी कहा कि वे बड़े नाम की सिफारिश से ही काम होने की व्यवस्था से भी दुखी हैं और इसे खत्म करना चाहते हैं।
बदमाश बैल के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा, जांच में जुट गई बिहार पुलिस नॉर्थ एवेन्यू स्थित निषाद के फ्लैट में गेट से अंदर दाखिल होते ही बिल्कुल अलग नजारा देखने को मिलता है। फ्लैट के बाहर टिन शेड के बने घर में मिलने वालों का तांता लगा रहता है। सब के सब अपनी-अपनी परेशानियों लेकर आते हैं। अजय निषाद यहां एक डॉक्टर की भूमिका में नजर आते हैं। बिना एक सेकेंड रुके बारी-बारी से आने का कारण पूछते हैं और समस्या का हल निकालने बैठ जाते हैं। अजय के रूटीन में यह काम सुबह और शाम में शामिल है। अजय बताते हैं कि क्षेत्र का दौरा करने से वह नहीं चुकते हैं। समय मिलते ही वह यहां से निकलकर क्षेत्र में पहुंच जाते हैं।
मिलने वालों से हाल-चाल जानने के बाद एक्शन शुरू मुजफ्फरपुर के हर एरिया से आए गरीब से अमीर लोगों से मिलकर हाल-चाल स्वयं पूछने के बाद अजय एक्शन मोड में आ जाते हैं। कोई एम्स में दिखने के लिए मदद मांगने आया है तो कोई अपने और परिवार के रोजी रोटी के लिए कोई काम। कई ऐसे भी हैं जो घर जाने के लिए रेल टिकट नहीं होने की गुहार लगाने आए हैं। कुछ लोग वैसे भी हैं, जिनके पास रहने का इंतजाम नहीं है और वह वहीं रह रहे हैं। हर किसी की समस्या सुनने के बाद सांसद तुरंत अपने पीए से अमल में लाने के लिए लेटर से फैक्स तक कराते हैं।
मेरे पास सिफारिश लाने की जरूरत नहीं अजय कहते हैं, मुझे यह अवधारण को खत्मं करना है कि किसी बड़े नाम वाला का ही काम होगा। मेरे पास आने वाले को किसी भी बड़े नाम की सिफारिश लेकर आने की जरूरत नहीं है। मैं सभी के लिए एक सामान भाव से काम करता हूं। मैं कभी यह नहीं पूछता कि वह कौन है, किस वर्ग विशेष से है। मेरे पास आया है तो मैं उसका काम करुंगा यही मेरा कर्तव्य है और मैं कर रहा हूं।