एनसीपी के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा है कि तीसरा मोर्चा ‘व्यवहारिक’ नहीं है, इसलिए यह क्रियान्वित नहीं हो पाएगा। पवार का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस नेता एचडी देवगौड़ा ने जल्द से जल्द तीसरे मोर्चे के गठन की मांग की है। एक निजी चैनल से बातचीत में शरद पवार ने कहा कि तीसरा मोर्चे के रूप में विभिन्न दलों का महागठबंधन अव्यवहारिक है। पवार ने यह भी कहा कि उनके कई साथी चाहते हैं कि महागठबंधन बनाया जाए।
शरद पवार ने साफ किया है कि उन्हें तीसरे मोर्चे पर ज्यादा भरोसा नहीं है। उन्होंने साफ किया कि मुझे खुद महागठबंधन या तीसरे विकल्प पर यकीन नहीं है। मैं निजी तौर पर महसूस करता हूं कि हालात 1977 यानी इमरजेंसी जैसे ही हैं। पवार ने प्रधानमंत्री पद के लिए किसी नाम के ऐलान से परहेज किया लेकिन संकेत दिया कि साल 1977 में जैसे मोरार जी देसाई विजयी दलों का चेहरा बने थे, उसी तरह से इस बार भी ऐसा हो सकता है।
जनता के आगे कोई बड़ा नहीं
पवार ने तात्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का उदाहरण दिया उन्होंने कहा जनता ने इमरजेंसी के वक्त इंदिरा को भी हरा दिया था। कश्मीर से कन्याकुमारी तक लोगों ने कांग्रेस के खिलाफ वोट किया था। हालांकि इमरजेंसी के बाद मजबूत इरादों से इंदिरा दोबारा सत्ता में आई। यानी जनता जो चाहती है वही होता है।