सरकार की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को जिंदा जलाए जाने की घटना का संदर्भ देते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने उत्तर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए और कहा कि-“एक तरफ राम मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है, तो दूसरी तरफ सीता मैया को जलाया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि- “उत्तम प्रदेश होने के स्थान पर उत्तर प्रदेश, अधम प्रदेश बनने के कगार पर है। राज्य सरकार को इस मुद्दे पर जवाब देना चाहिए।”
विपक्ष पर घटनाओं का राजनीतिकरण करने का आरोप वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने विपक्ष पर ऐसी घटनाओं का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। तृणमूल कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि- “पश्चिम बंगाल के चुनाव में दुष्कर्म पीड़िताओं को राजनीतिक हथियारों की तरह इस्तेमाल किया गया।” भाजपा की मीनाक्षी लेखी ने कहा कि उन्नाव घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की गई है।
ऐसे मुद्दों को सनसनीखेज न बनाएं वहीं हैदराबाद में वेटेनरी डॉक्टर की हत्या और दुष्कर्म मामले में चारों आरोपियों को शुक्रवार सुबह एनकाउंटर में ढेर किए जाने के मामले पर लेखी ने कहा कि- “अगर कोई जघन्य अपराध करके भागने की कोशिश करेगा, तो पुलिस अपनी बंदूक का इस्तेमाल करेगी।” ऐसे अपराधों पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए, सांसद ने कहा कि ऐसे मुद्दों को सनसनीखेज नहीं बनाना चाहिए।
पुलिस रिफॉर्म पर भी हुई बहस देश में पुलिस रिफॉर्म पर बहस करते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के दानिश अली ने कहा कि पुलिस तब क्यों खामोश हो जाती है, जब आरोपी जमानत के लिए अदालत पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि- “पुलिस आरोपियों की जमानत का उस तरह से विरोध क्यों नहीं करती है, जैसा उन्हें करना चाहिए। उन्नाव में जो भी हुआ, वह राज्य पुलिस और सरकार की इच्छाशक्ति में कमी को दर्शाता है।”
सदन के अंदर भी न हो राजनीतिकरण बीजू जनता दल (बीजद) के अनुभव मोहंती ने कहा कि यह अच्छा है जब हम एकमत से ऐसे मुद्दों पर चर्चा करते हैं, लेकिन यह तब गलत भी है, जब हम इन मामलों का संप्रदायिक रंग देते हैं। एक महिला एक मानव है। ऐसे मुद्दों का सदन के अंदर या बाहर राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।
सजा की तत्काल व्यवस्था हो तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने कहा कि वह नहीं जानते कि देश में इस तरह की घटनाएं कितनी बार होंगी और कितनी बार हम इस पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि- “हैदराबाद के दुष्कर्मियों को पुलिस की ओर से मारा गया। मैं एनकाउंटर के खिलाफ हूं, लेकिन लोग हैदराबाद पुलिस के इस कृत्य का समर्थन कर रहे हैं। मैं इसके लिए कड़े कानून और आरोपियों को सजा देने के लिए तत्काल व्यवस्था करने की मांग करता हूं।”
एक माह के अंदर हो सजा का प्रावधान शिवसेना के अरविंद सावंत ने कहा कि- “तेलंगाना ने सही किया या गलत, लेकिन पूरी दुनिया उन्हें सराह रही है। एक माह के अंदर अपराधियों को सजा देने का प्रावधान होना चाहिए और ऐसे मामलों को सीधे सुप्रीम कोर्ट भेजा जाना चाहिए।”