सोशल मीडिया पर किया था पोस्ट
इससे पहले अन्ना ने सोशल मीडिया पर कहा था कि मैं देख रहा हूं कि कुछ लोगों मुझ पर झूठे आरोप लगाकर मुझे बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। बता दें कि लोकायुक्त का गठन समेत कतिपय मांगों को लेकर छह दिनों से भूख-हड़ताल पर बैठे समाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का स्वास्थ्य बुधवार को बिगड़ गया था, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से उनकी मांगों पर अब तक कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की गई थी। उनके चिकित्सक धनंजय पोटे ने संवाददाताओं को बताया था कि हजारे का रक्तचाप बढ़ा हुआ है जबकि शरीर में शुगर (शर्करा) का स्तर घट गया था जिससे उनको थकान महसूस हो रही है। अन्ना हजारे के स्वास्थ्य की देखभाल करने महाराष्ट्र के रालेगांव सिधी से आए पोटे ने बताया था कि दोपहर तीन बजे जब अन्ना जी के स्वास्थ्य की जांच की गई तो उनकी रक्तचाप 186/100 थी। लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल के चिकित्सकों के मुताबिक, उनके शरीर में रक्त शर्करा का सतर घट गया है।
पीटा भी गया
वहीं, अन्ना हजारे के समर्थक सुशील भट्ट ने दावा किया था कि उन्हें कनॉट प्लेस में शांतिपूर्ण कैंडिल मार्च निकालने पर पुलिस द्वारा पीटा गया। सुशील भट्ट अन्ना के कोर कमेटी के सदस्य हैं। भट्ट ने कहा कि बुधवार की रात को जुलूस के दौरान उन्हें पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) ने घसीटकर पुलिस वाहन में डाला और बाद में पीटा भी गया।