उद्धव के सामने तीन विकल्प, फिर क्यों किया पीएम मोदी को फोन कोरोना वायरस के चलते देशव्यापी लॉकडाउन के बाद यह पहला चुनाव है, जो सभी जरूरी सावधानी वाली प्रोटोकॉल और गृह मंत्रालय की मंजूरी के साथ होगा। दरअसल, बीते वर्ष महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़े बिना Shiv Sena प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने।
अब उनके पास 28 मई तक का वक्त है, या तो वह उच्च सदन यानी विधान परिषद के सदस्य बने या फिर उन्हें इस्तीफा देना होगा। वैसे महाराष्ट्र विधान परिषद में फिलहाल नौ पद खाली हैं।
हालांकि संसद के ऊपरी सदन यानी राज्यसभा की 18 रिक्त सीटों के लिए चुनाव फिलहाल नहीं होंगे। सूत्रों की मानें तो शिवसेना प्रमुख ने बुधवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फोन पर हुई बातचीत में अपनी कुर्सी बचाने के लिए चर्चा की थी। ठाकरे ने कथित तौर पर कोरोना वायरस संकट के बीच “अपनी स्थिति को कमजोर करने के प्रयासों” के बारे में पीएम से शिकायत की।
रिपोर्ट में दावा, 4 मई से वाइन शॉप, मॉल्स समेत कई उद्योग खुलेंगे इस आह्वान के 24 घंटे बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने विधान परिषद के चुनाव के लिए चुनाव आयोग से औपचारिक अनुरोध किया। क्योंकि कोरोना वायरस के चलते लागू सख्त लॉकडाउन के कारण चुनाव स्थगित कर दिए गए थे।
गुरुवार को राज्यपाल कोश्यारी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर विधान परिषद में “जल्द से जल्द” चुनाव कराने का आग्रह किया। लॉकडाउन के लिए विभिन्न छूट दिए जाने के साथ, उन्होंने कहा कि चुनाव आयोजित करना संभव होना चाहिए।