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स्पीकर के चुनाव की प्रक्रिया बदलने की फिराक में महाराष्ट्र सरकार, फडणवीस ने साधा निशाना

locationमुंबईPublished: Jul 15, 2021 06:34:41 pm

Submitted by:

Ronak Bhaira

महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया बदलने की कवायद में लगी हुई है, जिसे लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सहयोगी दलों को एक दूसरे पर भरोसा नहीं है।

Maharashtra government trying to change the process of election of speaker

Maharashtra government trying to change the process of election of speaker

मुंबई। महाराष्ट्र में सियासत एक बार फिर गर्माती हुई नजर आ रही है। इस बार मामला विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव से जुड़ा है। ठाकरे सरकार द्वारा फरवरी से ही रिक्त पड़े विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव अभी तक नहीं कराया गया है। अब सियासी गलियारों से खबर आ रही है कि ठाकरे सरकार विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में पारदर्शी मतदान का तरीका अपनाने की तैयारी कर रही है। हाल में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने ठाकरे सरकार को पत्र लिखकर विधानसभा अध्यक्ष के रिक्त पद को भरने के लिए कहा था।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, “बहुमत होने के बावजूद भी राज्य सरकार क्यों घबराई हुई है।” उन्होंने आगे कहा, ‘सरकार को न केवल अपने सहयोगी दलों पर बल्कि खुद के विधायकों पर भी भरोसा नहीं है। यह गठबंधन सरकार अपने ही भार तले दब जाएगी और ऐसी स्थिति आने पर भाजपा राज्य में एक वैकल्पिक सरकार के तौर पर उभरेगी।’
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फडणवीस ने कहा, ‘विधायी नियमों को बदलने की शक्ति उपाध्यक्ष के पास नहीं होती बल्कि इस तरह के बदलाव के लिए विधानसभा अध्यक्ष द्वारा बैठक बुलाई जाती है, बिना अध्यक्ष के यह बैठक वैद्य नहीं होगी।’
बता दें कि नाना पटोले ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का कार्यभार संभालने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया था। फरवरी से ही विधानसभा अध्यक्ष का पद खाली है और ठाकरे सरकार ने अभी तक किसी को नए अध्यक्ष के रूप में नहीं चुना है।
सूत्रों के मुताबिक, नियमों को परिवर्तित करने हेतु एक बैठक हो चुकी है लेकिन उसमें अंतिम फैसला नहीं लिया गया। वहीं, दूसरी ओर फडणवीस के अनुसार कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले आने वाले विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ने की बात करते हैं जबकि राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष इसका विरोध करते हैं और पवार से मिलने वाले कांग्रेस नेता प्रदेशाध्यक्ष को साथ नहीं रखते हैं। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि सत्तारूढ़ गठबंधन में क्या चल रहा है। हालांकि शरद पवार ने पहले ही साफ कह दिया है की तीनों पार्टियों ने फैसला कर लिया है कि अगला विधानसभा अध्यक्ष कांग्रेस का ही होगा और कांग्रेस जिस भी प्रत्याशी को तय करेगी, हम सब एकमत होकर उसे ही समर्थन देंगे।

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