कोरोना संक्रमण के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र ( Maharashtra ) और केरल राज्य से ही सामने आ रहे हैं। यही वजह है कि इन प्रदेशों की सरकार मुस्तैदी से इस कहर का सामना कर रही है।
इस बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार ( Ajit Pawar ) ने मुख्यमंत्री समेत सभी विधायक और विधान पार्षद प्रतिनिधियों के मार्च माह के वेतन में 60 फीसदी कटौती के आदेश दिये हैं।
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महागठबंधन सरकार में राज्य के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री का पद संभालने वाले अजीत पवार ने मंगलवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों के वेतन में कटौती का आदेश जारी किया गया है।
सीएम से लेकर सभी विधायकों और एमएलसी की सैलरी में मार्च महीने में 60 पर्सेंट की कटौती की जाएगी। डिप्टी सीएम ने कहा कि ग्रेड-ए और ग्रेड-बी स्तर के कर्मचारियों की सैलरी आधी यानी 50 फीसदी काटी जाएगी। जबकि ग्रेड-सी के कर्मचारियों को 25 प्रतिशत कम वेतन मिलेगा।
डी-ग्रेड वालों को कटौती से छूट
खास बात यह है कि डी-ग्रेड कर्मचारियों को कटौती से बाहर रखा गया है। आपको बता दें कि महाराष्ट्र से पहले तेलंगाना सरकार ने भी कर्मचारियों के वेतन में कटौती का ऐलान किया। कोरोना और राज्य के खजाने पर आर्थिक संकट के मद्देनजर तेलंगाना की के चंद्रशेखर राव यानी केसीआर की सरकार ने राज्य के सभी मंत्रियों, विधायकों, अधिकारियों, कर्मचारियों की सैलरी में 75 फीसदी तक की कटौती का फैसला किया है।
खास बात यह है कि डी-ग्रेड कर्मचारियों को कटौती से बाहर रखा गया है। आपको बता दें कि महाराष्ट्र से पहले तेलंगाना सरकार ने भी कर्मचारियों के वेतन में कटौती का ऐलान किया। कोरोना और राज्य के खजाने पर आर्थिक संकट के मद्देनजर तेलंगाना की के चंद्रशेखर राव यानी केसीआर की सरकार ने राज्य के सभी मंत्रियों, विधायकों, अधिकारियों, कर्मचारियों की सैलरी में 75 फीसदी तक की कटौती का फैसला किया है।