गौर हो कि इससे पहले सांगली के शिराला मजिस्ट्रेट ने 28 अप्रैल को मनसे चीफ राज ठाकरे और 10 अन्य के खिलाफ उनकी लगातार अनुपस्थिति के चलते गैर-जमानती वारंट जारी किया था। पूरे मामले में राज ठाकरे आरोप नंबर 9 हैं और शिरीष पारकर 10 हैं। शिरीष पारकर को कोर्ट ने 15 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है। बताया जा रहा है कि स्वास्थ कारणों के चलते राज ठाकरे कोर्ट के समक्ष पेश नहीं हो पाए हैं। ऐसे में आने वाले समय में राज की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
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जानें क्या है पूरा मामला
साल 2008 में मनसे की तरफ से रेलवे भर्ती में स्थानीय युवकों को प्राथमिकता देने की मांग करते हुए राज्य में आंदोलन चलाया था। इस दौरान रेलवे की परीक्षा देने के लिए मुंबई के कल्याण पहुंचे उत्तर भारतीय छात्रों के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई थी। इसे लेकर कल्याण कोर्ट में राज के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। साथ ही रत्नागिरी से मनसे चीफ को गिरफ्तार किया गया था। पार्टी प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद मनसे ने कई जगहों पर बंद बुलाया था। इसी समय शिराला तालुका के शेंदगेवाड़ी में मनसे सांगली के जिला अध्यक्ष तानाजी सावंत ने यहां बंद बुलाया था और व्यापारियों की दुकान बंद कराई थे। जिसके बाद तानाजी सावंत सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। आठ जून 2022 को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया था लेकिन राज सहित अन्य पेश नहीं हुए। सिर्फ शिरीष पारकर कोर्ट पहुंचें थे।