दरअसल, राहुल गांधी ने बीते दिनों कोरोना ( coronavirus ) के संदर्भ में एक बयान देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में हम महत एक घटक दल के तौर पर शामिल हैं न कि डिसीजन मेकर की भूमिका में। जब सियासी गलियों में इस बयान को लेकर आलोचना होने लगी तो राहुल गांधी अपने बयान से पलट गए।
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राहुल ने महाराष्ट्र सरकार पर बयान देने के बाद सियासी पारा चढ़ता देख यूटर्न लिया और सफाई दी। अपने सफाई में उन्होंने सारा ठीकरा मीडिया पर फोड़ दिया। उन्होंने कहा कि मीडिया ने गलत तरीके से उनके कथन को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है।
राहुल ने समर्थन देने का दिया आश्वासन: शिवसेना
बता दें कि मंगलवार को राहुल गांधी ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की। शिवेसना ने दावा कि महाराष्ट्र में चल रहे कोरोना की लड़ाई को लेकर राहुल गांधी ने अपना पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया है। सूत्रों के मुताबिक सीएम उद्धव ठाकरे से बुधवार को हुई बातचीत में राहुल गांधी ने ठाकरे सरकार को भरोसा दिलाया है कि कांग्रेस सरकार मे साथ खड़ी है।
मालूम हो कि राहुल गांधी के बयान को लेकर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुद्दा बना दिया था। फडणवीस ने कहा था कि कांग्रेस महाराष्ट्र सरकार की कोरोना संकट में नाकामी का ठीकरा शिवसेना पर फोड़ने की तैयारी में है।
क्या कहा था राहुल गांधी?
राहुल गांधी ने वीडियो काॉंफ्रेंसिंग के जरिये पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि हम महाराष्ट्र में घटक दल के तौर पर हैं। मैं यहां की स्थिति को कुछ अलग रखना चाहूंगा। हम महाराष्ट्र में सरकार का समर्थन कर रहे हैं लेकिन हम महाराष्ट्र में प्रमुख डिसीजन मेकर नहीं हैं। हम पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पुडुचेरी में नीति निर्माता हैं। सरकार को चलाने और इसका समर्थन करने में फर्क होता है।
राहुल गांधी ने कहा कि मैंने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि महाराष्ट्र एक महत्वपूर्ण राज्य है। मुंबई वित्तीय राजधानी है और इस पर लोगों का ध्यान केंद्रित है। यहां कठिन स्थिति है और केंद्र की ओर से राज्य पर बहुत ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।’